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अब आपका वाई-फाई होगा पूरी तरह सिक्‍योर, अननोन डिवाइस कनेक्‍ट होते ही बंद हो जाएगा सिस्‍टम

WIFI सुरक्षा के लिए एक ऐसा सिस्‍टम तैयार किया गया है जो आपके लिए पूरी तरह सुरक्षित होगा। छात्र श्रेयांश ने ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया है जो कंपनी और आम लोगों दोनों के लिए उपयोगी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 03:09 PM (IST)
अब आपका वाई-फाई होगा पूरी तरह सिक्‍योर, अननोन डिवाइस कनेक्‍ट होते ही बंद हो जाएगा सिस्‍टम
अब आपका वाई-फाई होगा पूरी तरह सिक्‍योर, अननोन डिवाइस कनेक्‍ट होते ही बंद हो जाएगा सिस्‍टम

रायपुर, दीपक अवस्थी। देश में आज इंटरनेट हर किसी की जरूरत बन गई है। इंटरनेट से आजकल हर चीज जुड़ी रहती है। ऐसे में इसकी सुरक्षा भी जरूरी है। आपको जानकर खुशी होगी कि अब आप अपने वाई-फाई को पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं। बता दें कि इंटरनेट डाटा को सुरक्षित रखने के लिए देश में कई तरह की कवायदें की जा रही हैं। इसी बीच रायपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के छात्र श्रेयांश शर्मा ने डाटा की सुरक्षा के लिए एक विशेष प्रोग्राम डिजाइन किया है। प्रोग्राम में इस तरह की सुविधा दी गई है कि वाईफाई सिस्टम से जब अननोन डिवाइस कनेक्ट होगी तो उसके एक सेकण्ड के अंदर वाईफाई स्वत: बंद हो जाएगा। साथ ही पुन: नए सिक्योरिटी पासवार्ड के साथ एक सेकंड के अंदर एक्टिव हो जाएगा। दरअसल वाईफाई में सेंध लगाने की शिकायतें लगातार देशभर में आ रही हैं। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर इस प्रोग्राम को छात्र ने तैयार किया है।

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ऐसे रोकता है अननोन डिवाइस

छात्र श्रेयांश ने ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया है जो कंपनी और आम लोगों दोनों के लिए उपयोगी है। श्रेयांश ने बताया कि कम्प्यूटर की भाषा पैथान लैंग्वेज और अन्य लैंग्वेज के आधार पर इसे तैयार किया गया है। इसमें कंपनी के सभी कम्प्यूटर के मैक एड्रेस को कोडिंग किया जाता है। कंपनी में आने वाले सभी सिस्टम का डाटा बेस तैयार कर उक्त वाईफाई से जोड़ दिया जाता है। जैसे ही अननोन डिवाइस का मैक एड्रेस वाईफाई से कनेक्ट होता है तो वाईफाई एक सेकण्ड के लिए बंद होकर अपना नया पासवर्ड जेनरेट कर लेता है। इससे कंपनी के कम्प्यूटर एक सेंकण्ड के लिए इंटरनेट की सुविधा से वंचित होने के  बाद पुन: कनेक्ट हो जाते हैं। वहीं जो अननोन डिवाइस कनेक्ट करने की कोशिश करता है वह रिजेक्ट कर सर्कल एरिया से दूर कर दिया जाता है।

हैकर ऐसे करते हैं वाइफाई कनेक्ट

श्रेयांश ने बताया कि पूर्व में वाईफाई सुरक्षा के लिए डब्ल्यूइए-दो की सिक्यूरिटी उपयोग की जाती थी। इसमें हैकर मिडिल मैन का उपयोग कर वाईफाई को हैक कर लेते थे। गौर करने वाली बात थी कि कम्प्यूटर और वाईफाई के बीच जो भी चंद सेकंड की दूरी होती उतनी देर में मिडिल मैन वायरस काम कर जाता था। अभी उपयोग किए जा रहे सिस्टम में किसी भी कंपनी में कम्प्यूटर काम कर रहे हैं तो उसमें वाईफाई कनेक्ट की संख्या को देखा जा सकता है, लेकिन दुविधा होती है कि ये कम्प्यूटर कंपनी का है या नहीं। इसे पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। इसी बीच अननोन डिवाइस कनेक्ट होकर डाटा का उपयोग कर सकता है।

राह में है थोड़ी परेशानी

श्रेयांश ने बताया कि वाईफाई से अननोन डिवाइस को रोकने के लिए सिस्टम तैयार कर लिया गया है, लेकिन सिस्टम को एक सेकण्ड बंद करने पर इंटरनेट का काम पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है। वेब पेजेस को पुन: खोलना पड़ता है, लेकिन सुरक्षा के नजरिए से यह पूरी तरह भरोसेमंद होता है।


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