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Coronavirus: अब नहीं है ज्यादा घबराने की जरूरत, जानिए कैसे घंटे भर में ही हो जाएगी कोरोना की जांच

मौजूदा समय में कोरोना की जांच के लिए महंगी रीयल टाइम पीसीआर मशीनों की जरूरत होती है जिसकी कीमत 10 लाख से ज्यादा ही होती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 09:15 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 10:59 PM (IST)
Coronavirus: अब नहीं है ज्यादा घबराने की जरूरत, जानिए कैसे घंटे भर में ही हो जाएगी कोरोना की जांच
Coronavirus: अब नहीं है ज्यादा घबराने की जरूरत, जानिए कैसे घंटे भर में ही हो जाएगी कोरोना की जांच

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिकों के लिए कोरोना अब अबूझ पहेली नहीं रहा। हर दिन उनकी ओर से कोरोना को हराने को लेकर कुछ न कुछ नई खबरें आ रही हैं। इस बीच वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) से भी एक अच्छी खबर आयी है। इसके दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ जेनामिक्स एंड इटेग्रेटिव बायोलाजी (IGIB) ने कोरोना की जांच के लिए एक ऐसी पेपर किट विकसित की है, जिसकी लागत पांच सौ रुपए से भी कम है। साथ ही एक घंटे से भी कम समय में इससे जांच हो जाती है। यह पेपर किट मौजूदा समय में प्रेगनेंसी की जांच में इस्तेमाल होने वाली यूज एंड थ्रो जैसी ही है।

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आईजीआईबी के डायरेक्टर डाक्टर अनुराग अग्रवाल के मुताबिक उनकी टीम ने अपनी लैब में यह किट तैयार कर ली है। इसे टेस्टिंग और औद्योगिक उत्पादन की मंजूरी के लिए आईसीएमआर के पास भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस किट के जरिए आम पैथालाजी में भी कोरोना की जांच हो सकेगी।

मौजूदा समय में रीयल टाइम पीसीआर मशीनों की होती है जरूरत

मौजूदा समय में कोरोना की जांच के लिए महंगी रीयल टाइम पीसीआर मशीनों की जरूरत होती है, जिसकी कीमत 10 लाख से ज्यादा ही होती है। जो कि सिर्फ बड़ी लैबों में ही मौजूद है। ऐसे अभी कोरोना की जो भी जांच हो रही है, वह सिर्फ इन्हीं मंहगी मशीनों पर होती है। जिसमें लंबा समय भी लगता है। सरकार ने इसीलिए चुने हुए प्राइवेट लैब को ही इसकी अनुमति दी है।

एक घंटे के भीतर ली जा सकती है रिपोर्ट

आईजीआईबी के मुताबिक लैब में तैयार की गई कोरोना की इस पेपर किट के जरिए एक घंटे के भीतर ही रिपोर्ट ली जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इसके तहत जांच के दौरान सेंपल में सिर्फ कुछ केमिकल का इस्तेमाल होता है। जिसे पैथालाजी में मौजूद रहने वाली ब्लाक में करीब तीस से 40 मिनट तक रखा गया जाता है। इसके बाद पेपर किट को उसके संपर्क में लाया जाता है। यदि कोरोना पॉजीटिव है, तो पेपर किट पर कुछ ही मिनट में लाइनें उभर आती है। जाहिर है कि इस किट के जरिए छोटे पैथलैब भी जाच कर सकेंगे।

डॉ. अग्रवाल के मुताबिक इसकी लागत पांच सौ से भी कम है। साथ ही इसे आसानी से नष्ट भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस पूरे योजना में सबसे अहम ऐसी किट विकसित करना था, जिसे आसानी ने नष्ट भी किया जा सके। ऐसे में यह पेपर किट है। यह पानी में कुछ देर रखने पर खुद ही नष्ट हो जाएगी।


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