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दिल के लाइलाज मरीजों के लिए बड़ी राहत, डायबिटीज की दवा से हो सकता है ये इलाज

शोधकर्ताओं ने खोजी नई दवा, डायबिटीज और दिल की खास बीमारी में होगी कारगर। खास बात ये है कि दिल की इस बीमारी के लिए अब तक कोई दवा नहीं थी।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 04:57 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 05:03 PM (IST)
दिल के लाइलाज मरीजों के लिए बड़ी राहत, डायबिटीज की दवा से हो सकता है ये इलाज
दिल के लाइलाज मरीजों के लिए बड़ी राहत, डायबिटीज की दवा से हो सकता है ये इलाज

न्यूयॉर्क, एजेंसी। अब डायबिटीज के मरीजों को दी जाने वाली दवा से दिल के मरीजों का भी इलाज हो सकता है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा खोजी है, जो दोनों तरह की बीमारियों में काम आ सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक मेटफार्मिन एक ऐसी दवा है, जो टाइप-2 डायबिटीज में काम करती है। दावा है कि यह दवा दिल की बीमारियों खासकर हार्ट फेल्योर विथ ए प्रिजर्वड इजेक्शन फ्रैक्शन (एचएफपीईएफ) पर भी असर कारक है।

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जर्नल ऑफ जनरल फिजिकोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि मेटफार्मिन ‘टिटिन’ नाम की हृदय की प्रमुख मांसपेशी से प्रोटीन को आराम पहुंचाता है, जिससे हृदय शरीर में रक्त संचारित करने से पहले ठीक तरह से रक्त को भर लेता है। अमेरिका में एरिजोना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेंक ग्रेंजियर ने बताया कि इस मेटफार्मिन से शरीर की व्यायाम करने की क्षमता बढ़ जाती है। इससे कहा जा सकता है कि इससे एचएफपीईएफ के रोगियों को आराम मिल सकता है। चूंकी यह दवा मनुष्य पहले से ही लेते रहे हैं, इसलिए इसके उपयोग को लेकर कोई खतरा भी नहीं है।

अब तक नहीं थी इसकी कोई दवा
हेंक ग्रेंजियर ने बताया कि इस तरह की दिल की बीमारी महिलाओं में ज्यादा होती है। इसकी वजह मोटापा, बुढ़ापा और हाई ब्लड प्रेशर है। अभी तक दूसरे तरह की दिल की बीमारियों की दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन एचएफपीईएफ के रोगियों के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।

क्या है एचएफपीईएफ
दिल की यह बीमारी तब होती है जब दाएं निलय से निकलने वाले रक्त का प्रतिशत बाएं निलय से भरने वाले रक्त के प्रतिशत से ज्यादा हो जाता है। इसमें रक्त पूरी तरह से दिल में भर नहीं पाता और उससे निकलने की विधि पहले शुरू हो जाती है। यह बीमारी डायबिटीज, मोटापे, तनाव आदि के कारण होती है।

सर्दियों में बढ़ जाता है दिल को खतरा
गर्मियों की तुलना में सर्दियों के मौसम में दिल का दौरा पड़ने के मामले लगभग 25 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। हृदय रोगों से प्रभावित लोगों के लिए ठंड अत्यंत नुकसानदेह साबित हो सकती है। सर्दियों के मौसम में हृदय धमनी रोग (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) के कारण दिल का दौरा पड़ने के मामले कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं, जिन्हें कुछ सजगताएं बरतकर काफी हद तक रोका जा सकता है। इसके अलावा सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

सर्दियों में खानपान व व्यायाम का रखें खास ध्यान
अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनने की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसी स्थिति में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर लोग अत्यधिक सर्दियों के कारण रजाई या कंबल के साथ आराम करने को वरीयता देते हैं। सर्दियों के प्रभाव से अनेक लोग आलस्य के कारण नियमित रूप से व्यायाम नहींकरते। सर्दियों में खानपान में भी लोग चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थ कहीं ज्यादा खाते हैं।

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