अब इस एप से हो रही गीता के माता-पिता की खोज, 10 साल पुरानी फोटो हुई वायरल
गीता के माता-पिता को ढूंढने के लिए अब सोशल मीडिया और खासतौर पर मोबाइल एप्लीकेशन फेस एप का सहारा लिया जा रहा है।
इंदौर, आइएएनएस। गीता को चार साल पहले पाकिस्तान से भारत इस उम्मीद पर लाया गया था कि जल्द ही उसे माता-पिता को सौंप दिया जाएगा। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद आज तक दिव्यांग(मूक-बधिर) गीता के माता-पिता का पता नहीं चल पाया है। गीता के माता-पिता को ढूंढने के लिए अब सोशल मीडिया और खासतौर पर मोबाइल एप्लीकेशन 'फेस एप' का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि गीता को जल्द उनका परिवार मिल जाएगा।
भारत की बेटी के रूप में पहचान बनाने वालीं गीता को लगभग चार साल पहले तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों के बाद भारत लाया गया था। इसके बाद से ही गीता के परिवार की खोज हो रही है। गीता को इंदौर के मूक बधिर संस्थान में रखा गया था, उसे यहां तब तक के लिए लाया गया था, जब तक उसके माता-पिता नहीं मिल जाते। गीता के माता-पिता होने का कई लोगों ने दावा किया, लेकिन कोई साबित नहीं कर पाया। इसीलिए मूक-बधिर बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था आनंद सर्विस सोसायटी ने फेसबुक पर एक पेज 'रीयूनाइट गीता ए डेफ गर्ल विथ फैमिली' के नाम से तैयार किया है।
इस संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि अब 'फेस एप' के जरिए गीता के परिवारवालों को तलाशने की कोशिश की जा रही है। यह एक ऐसा मोबाइल एप है, जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति की दस साल पुरानी तस्वीर को तैयार किया जा सकता है। गीता की भी इसी तरह की तस्वीरें तैयार कर वायरल की गई हैं। अब आशा है कि गीता के माता-पिता का जल्द से जल्द पता लग जाएगा।
आपको जानकार हैरानी होगी कि दो दर्जन के ज्यादा लोग गीता के माता-पिता के तौर पर अपना दावा पेश कर चुके हैं। पहचान के लिए इनमें से कई का डीएनए टेस्ट भी करवाया गया था, लेकिन गीता के डीएनए से कोई मेल नहीं खा पाया। गीता को स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अपनी बेटी की तरह प्यार दिया था। इसके बाद पूरे देश ने उसे 'भारत की बेटी' पुकारा।