Move to Jagran APP

खोई हैसियत पाने के लिए रेल बनेगी सुरक्षित व आधुनिक

परिवहन साधनों में अपना खोया हुआ रुतबा पुन: हासिल करने के लिए रेलवे बनेगी सुरक्षित और आधुनिक

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 01 Feb 2017 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2017 10:52 PM (IST)
खोई हैसियत पाने के लिए रेल बनेगी सुरक्षित व आधुनिक
खोई हैसियत पाने के लिए रेल बनेगी सुरक्षित व आधुनिक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे पर लोगों का भरोसा बढ़ाने तथा इसे सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार इसके नवीकरण एवं आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देने जा रही है, ताकि यह प्रतिस्पद्र्धा के जरिए अपने पैरों पर खड़ी हो सके और परिवहन साधनों में अपना खोया हुआ रुतबा पुन: हासिल कर सके। इसके लिए बजट में एक लाख करोड़ रुपये के रेल संरक्षा कोष के अलावा नई लाइनों के विस्तार तथा स्टेशनों के विकास का खाका पेश किया गया है।

loksabha election banner

माल ढुलाई में हिस्सा बढ़ाने के लिए रेलवे लॉजिस्टिक फर्मो के साथ भागीदारी करेगी तथा अपने ग्राहकों को उनकी पंसद के अनुरूप वैगन और सेवाएं उपलब्ध कराएगी। यात्रियों को भी प्रतिस्प‌र्द्धी दरों पर टिकट मुहैया कराने का प्रयास होगा। इसके लिए ई-टिकट की बुकिंग पर सर्विस चार्ज समाप्त कर दिया गया रहा है। जबकि मार्च 2019 से एक्रूअल आधारित अंतरराष्ट्रीय लेखा प्रणाली लागू की जाएगी।

यह भी पढ़ें - चुनाव आयोग ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर को भेजा नोटिस

बजट भाषण में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा रेलवे में यात्री सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ रुपये की निधि से एक राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष सृजित किया जाएगा। इसमें सरकार से प्राप्त राशि के अलावा रेलवे स्वयं अपने संसाधनों से भी योगदान करेगी। इस कोष के इस्तेमाल के बारे में सरकार स्पष्ट दिशानिर्देश एवं समयसीमा जारी करेगी। इस कोष का कुछ हिस्सा ब्राड गेज लाइनों पर मानव रहित लेवल क्रासिंगों को 2020 तक पूरी तरह समाप्त करने में इस्तेमाल किया जाएगा। वित्तमंत्री ने रेलवे के संरक्षा एवं रखरखाव संबंधी कार्यो में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद लिए जाने का एलान भी किया।

यह भी पढ़ें- किसानों की दोगुनी आय, अब नारा नहीं हकीकत

इसी के साथ वित्तमंत्री ने रेलवे के चिह्नित गलियारों उन्नयन एवं आधुनिकीकरण तथा स्टेशनों के विकास का सरकार का मंसूबा भी उजागर कर दिया। उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में रेलवे की ढुलाई में सालाना 10 फीसद की बढ़ोतरी करने के इरादे से 2016-17 के 2800 किलोमीटर के मुकाबले 2017-18 में 3500 किलोमीटर नई लाइनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 9 राज्यों के साथ संयुक्त उद्यमों की स्थापना भी इसी मकसद से की गई है। इनके तहत अब तक 70 नई परियोजनाओं की पहचान की जा चुकी है।

यह भी पढ़ें- लालू ने PM को बताया 'भारत का ट्रंप', कहा- समाप्त हो रेल मंत्री का पद

स्टेशन विकास

वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने स्टेशन विकास का व्यापक कार्यक्रम भी हाथ में लिया है। जिसके तहत 2017-18 में 25 रेलवे स्टेशनों को व‌र्ल्ड क्लास बनाने के ठेके दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 500 स्टेशनों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जाएगा और वहां लिफ्ट तथा एस्केलेटर आदि लगाए जाएंगे।

सौर प्रकाशित स्टेशन

रेलवे के जरिए 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता सृजित करने के सरकार के मिशन का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री ने अगले तीन सालों में 7000 स्टेशनों को सौर ऊर्जा से प्रकाशित करने की योजना का हवाला भी दिया। साथ ही कहा कि 300 स्टेशनों से इसकी शुरुआत की जा चुकी है। जबकि 2000 स्टेशनों को अगले चरण में शामिल किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.