चिढ़ा चीन बोला, भारत अब भी पीछे..
अग्नि- 5 के सफल परीक्षण के बाद अब भारत की चीन से लगी चिंताएं कुछ कम जरूर हो गई हैं। चीन की बढ़ती सामरिक शक्ति और उसके तानाशाही अंदाज से भारत को उससे चिंताएं स्वाभाविक थीं। एक नजर से देखा जाए तो भारत की इस सफलता के पीछे चीन की लगातार बढ़ती ताकत ही रही है।
नई दिल्ली [कमल कान्त वर्मा]। अग्नि- 5 के सफल परीक्षण के बाद अब भारत की चीन से लगी चिंताएं कुछ कम जरूर हो गई हैं। चीन की बढ़ती सामरिक शक्ति और उसके तानाशाही अंदाज से भारत को उससे चिंताएं स्वाभाविक थीं। एक नजर से देखा जाए तो भारत की इस सफलता के पीछे चीन की लगातार बढ़ती ताकत ही रही है।
हालांकि अग्नि- 5 की सफलता के बाद चीन कहीं न कहीं बौखलाया हुआ भी दिखाई दे रहा है। चीन ने कहा है कि भारत की अग्नि- 5 से उसको किसी तरह कोई खतरा नहीं है न ही इस सफलता के साथ उसे कुछ हासिल होने वाला है।
गौरतलब है कि कुछ माह पहले ही चीन ने अपने रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी की है। इसके अलावा चीन लगातार भारत को दक्षिण चीन सागर और अरुणाचल प्रदेश को लेकर आंख दिखाता रहा है। भारत को घेरने की कवायद में ही उसने शिशिल्स द्वीप पर अपना नया सैन्य अड्डा बनाने की भी पेशकश रखी है। इसके चलते वह कहीं न कहीं भारत की ताकत को सीमित कर देना चाहता है। यही वजह है कि भारत को लगातार उससे चिंता बनी रही है।
वहीं चीन और पाक के लगातार बढ़ते सहयोग ने भी भारत के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रखी थीं। लेकिन अब अग्नि- 5 की सफलता के बाद भारत को काफी राहत मिल गई है। अब किसी भी हालात में भारत चीन के सुदूर इलाकों को भी अपना निशाना बना पाने में पूरी तरह से सक्षम है। देखा जाए तो चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत अब पूरी तरह से तैयार है।
अग्नि- 5 के साथ अब चीन भारतीय मिसाइल की रेंज में है। भारत के पास अब चीन की डांग फेंग मिसाइल का जवाब है। इस मिसाइल के जरिए चीन भारत के किसी भी इलाके को आसानी से निशाना बना सकता है। अग्नि सीरीज मिसाइल के साथ भारत के पास अब छह सौ से पांच हजार किमी से अधिक की दूरी तक मार करने वाली मिसाइल मौजूद हैं।
चीन को देखते हुए ही भारत ने अग्नि- 5 के जरिए कई उपलब्धियां हासिल की हैं। यह मिसाइल अपने लक्ष्य अर्थात महज बीस मिनट के अंदर पांच हजार से अधिक की दूरी तय कर सकती है। इससे पहले की अग्नि सीरीज की मिसाइल में जहां उनकी मारक क्षमता कम थी वहीं उनकी स्पीड भी अग्नि- 5 की अपेक्षा कम थी।
यहां यह भी बात ध्यान देने योग्य है कि भारत की अग्नि- 5 से अब भारत ने अंतर महाद्वीपीय मिसाइल की तरफ अपनी पहल कर ली है और वह इसके काफी करीब है। इस सफलता के साथ ही भारत आईसीबीएम क्लब में शामिल हो गया है।
भारत की इस मिसाइल की जद में संपूर्ण एशिया और आधा यूरोप है। चीन में अकादमी आफ मिलिट्री साइंस के शोधकर्ता ड्यूवेनलोग ने कहा है कि भारत की अग्नि -5 उसकी अमेरिका और नाटो देशों से बढ़ते खतरे का नतीजा है। उनके मुताबिक भारत को नाटो देशों समेत अमेरिका से खतरा है जिसके लिए भारत अब इस तरह की मिसाइल को हासिल करना चाहता है।
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