Move to Jagran APP

मंत्री, सांसद और विधायकों को भी करनी पड़ेगी माता-पिता की सेवा

सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि इसके लिए संशोधन विधेयक भी लाया जा सकता है। साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जाएगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 08 Jan 2018 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 08:59 AM (IST)
मंत्री, सांसद और विधायकों को भी करनी पड़ेगी माता-पिता की सेवा
मंत्री, सांसद और विधायकों को भी करनी पड़ेगी माता-पिता की सेवा

नईदुनिया, भोपाल : माता-पिता की देखभाल में लापरवाही बरतने वाले सरकारी कर्मचारियों के वेतन से एक हिस्सा काटने का फैसला तो मध्य प्रदेश सरकार ने कर लिया पर मंत्री-विधायक इसके दायरे से बाहर हैं। इसको लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर भरण-पोषण नियम को लेकर नए सिरे से विचार शुरू हो गया है। इसमें लोक सेवक (मंत्री, सांसद, विधायक) को भी दायरे में लाया जा सकता है।

prime article banner

सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि इसके लिए संशोधन विधेयक भी लाया जा सकता है। साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जाएगा।

मध्य प्रदेश में माता-पिता की देखभाल न करने की शिकायत प्रमाणित होने पर अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन से अधिकतम दस फीसद हिस्सा काटने का नियम बनाया गया है। सामाजिक न्याय विभाग ने अधिसूचना जारी कर इसे लागू भी कर दिया है। तभी से ये सवाल उठ रहे हैं कि लोक सेवक इस कानून के दायरे में क्यों नहीं हैं, जबकि इन्हें तो पहले कानून के दायरे में लाकर उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

इस बारे में सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव से जब सवाल-जवाब हुआ तो उन्होंने कहा कि लोक सेवक इस दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन इस पर विचार जरू र किया जाएगा। आगामी विधानसभा सत्र में इसके लिए संशोधन विधेयक भी लाया जा सकता है। वैसे भी माता-पिता की सेवा करना भारतीय समाज में सभी का क‌र्त्तव्य है।

भार्गव के मुताबिक, अभी यह प्रावधान रखा गया है कि केंद्र सरकार के ऐसे अधिकारी-कर्मचारी (आइएएस, आइपीएस, आइएफएस अधिकारी सहित अन्य) जिन्हें वेतन राज्य शासन के खजाने से दिया जाता है, वे नियमों के दायरे में आएंगे। राज्य सरकार के प्रदेश में पदस्थ अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी यही प्रावधान लागू करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेंगे।

यह भी पढ़ेंः जानें,छत्तीसगढ़ के चुनाव में पीएम मोदी ही क्यों होंगे चेहरा

यह भी पढ़ेंः अनंत कुमार बोले- 'व्हिप' का कर्तव्य केवल पार्टी सदस्यों की निगरानी करना नहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.