अब चेन्नई की जगह मैसूर की लैब में होगी मैगी नूडल्स की जांच
मैगी नूडल्स के नमूनों की जांच चेन्नई की बजाए मैसूर की प्रयोगशालाओं में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में मैगी नूडल्स के खिलाफ शिकायतों पर सुनवाई पर रोक लगाते हुए नेस्ले इंडिया की दलील पर मैसूर में नूडल्स के नमूनों की जांच कराने को कहा
नई दिल्ली। मैगी नूडल्स के नमूनों की जांच चेन्नई की बजाए मैसूर की प्रयोगशालाओं में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में मैगी नूडल्स के खिलाफ शिकायतों पर सुनवाई पर रोक लगाते हुए नेस्ले इंडिया की दलील पर मैसूर में नूडल्स के नमूनों की जांच कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को नेस्ले इंडिया के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है। मैगी विवाद को लेकर एनसीडीआरसी की ओर से दिए आदेश के खिलाफ नेस्ले ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा तथा न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की पीठ ने बुधवार को कहा कि आयोग की तरफ से नियुक्त स्थानीय आयुक्त नमूने एकत्र करेगा और जांच के लिए मैसूर की प्रयोगशाला को भेजेगा। मैसूर में जांच कराने की बात अदालत में नेस्ले ने ही कही है।
अदालत ने आदेश दिया है कि पहले और मैगी नूडल्स की होने वाली नई जांच की रिपोर्ट सीधे सीलबंद लिफाफे में अदालत को ही पेश किया जाए। अदालत के मैसूर में जांच कराने के आदेश से नेस्ले इंडिया की तरफ से पैरवी कर रहे हरीश साल्वे और केंद्र की तरफ से पेश हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी इस बात पर सहमति जताई।
अदालत ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि मैसूर की प्रयोगशालाएं ज्यादा आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
कथित रूप से अनुचित व्यापार के लिए सरकार ने नेस्ले के खिलाफ 640 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने इसी संबंध में मैगी नूडल्स के 16 और नमूनों के परीक्षण का आदेश दिया है।
एनसीडीआरसी के 9 दिसंबर के आदेश के खिलाफ दायर कंपनी की अपील पर सरकार को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने नेस्ले की इस अपील को फास्ट फूड के नौ संस्करणों से प्रतिबंध हटाने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एफएसएसएआई की अपील के साथ नत्थी कर दिया है।