नेस्ले ने पास्ता की जांच करने वाली लैब पर ही उठाए सवाल कहा- सत्यापित नहीं है लैब
मैगी के बाद नेस्ले का एक और प्रोडक्ट विवादों में आ गया है। उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला ने नेस्ले के प्रोडक्ट पास्ता की जांच में लैड की मात्रा तय मात्रा से अधिक पाया है। मऊ के खाद्य और औषधि विभाग के अधिकारी अरविंद यादव के मुताबिक 10
नई दिल्ली। नेस्ले ने पास्ता की जांच करने वाली प्रयोगशाला पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। नेस्ले ने अपने बयान में कहा कि लखनऊ में मौजूद जिस राष्ट्रीय विश्लेषण प्रयोगशाला ने उनके प्रोडक्ट पास्ता में लैड की ज्यादा मात्रा संबंधित रिपोर्ट दी है वो लैब ना तो एनएबीएल द्वारा प्रमाणित है और ना ही एफएसएसएआई द्वारा सत्यापित है।
आपको बता दें कि मैगी के बाद नेस्ले का एक और प्रोडक्ट विवादों में आ गया है। उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला ने नेस्ले के प्रोडक्ट पास्ता की जांच में लैड की मात्रा तय मात्रा से अधिक पाया है।
मऊ के खाद्य और औषधि विभाग के अधिकारी अरविंद यादव के मुताबिक 10 जून को मऊ में नेस्ले के वितरक सृजि ट्रेडर्स से पास्ता के सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ के राष्ट्रीय खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला भेजा गया था। 2 सितंबर को मिली रिपोर्ट के मुताबिक पास्ता में लैड की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई है और वो जांच में फेल हो गई है।
अरविंद यादव के मुताबिक नेस्ले के मोदीनगर स्थित ऑफिस को इस संबंध में पत्र के जरिए जानकारी दी गई थी कि उनके प्रोडक्ट नेस्ले पास्ता में लैड की मानक सीमा ज्यादा पाई गई है। लेकिन वो पत्र विभाग के पास वापस आ गया। अरविंद ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर यह प्रोडक्ट अब असुरक्षित खाद्य की श्रेणी में आ गया है।
अरविंद यादव ने बताया कि पास्ता की जांच रिपोर्ट 12 अक्टूबर को लखनऊ के एफडीए कमीश्नर को भेज दी गई थी ताकि इस मामले में केस दर्ज किया जा सके जिसके बाद बाजार में प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगाने का भी फैसला लिया जा सकता है।
जांच अधिकारी के मुताबिक उन्होंने नेस्ले को एक महीने पहले चिट्ठी के जरिए जांच रिपोर्ट के बारे में सूचित किया था और नेस्ले के पास जांच रिपोर्ट के खिलाफ अपील करने के लिए एक महीने का समय था, लेकिन कंपनी ने एफडीए की जांच रिपोर्ट से संबंधित पत्र लेने से मना कर दिया।
इस पूरे मामले पर जिला जज वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि जांच रिपोर्ट के मुताबिक पास्ता में लैड की मात्रा तय सीमा से ज्यादा मिलने के वजह से ये जांच में फेल हो गया हैं। पास्ता के सैंपल खाद्य आयुक्त को भेज दिए गए हैं और इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
उधर इस पूरे मामले पर नेस्ले का भी बयान सामने आया है नेस्ले ने अपने बयान में कहा है कि उनका प्रोडक्ट पास्ता सौ फीसदी सुरक्षित है। उत्पादन के दौरान इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का कड़े परीक्षण के बाद ही इस्तेमाल किया जाता है। और प्रोडक्ट बनने बाद भी इसकी जांच की जाती है।
नेस्ले ने अपने बयान में ये भी कहा कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा जांच के लिए भेजे जाने वाले सैंपल की भी जानकारी नहीं थी, ना ही उन्हें किसी भी तरह की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार या एफएसएसएआई द्वारा जानकारी दी गई है। मीडिया में आ रही खबरों के बाद हमें इस बारे में जानकारी मिली है और हम इस मामले संबंधित विभागों से बात कर रहे हैं।
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