राजस्थान में भी फैलने लगी किसान आंदोलन की आंच
प्रतापगढ़ के किसानों ने मंदसौर के किसान आंदोलन के समर्थन में तीन दिन तक दूध और सब्जी की आपूर्ति रोक दी थी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में किसान आंदोलन की आंच राजस्थान में बढ़ती जा रही है। अब तक छोटे-छोटे स्तर पर जिलों में हो रहा किसान आंदोलन अब 15 जून से प्रदेशभर में फैलने वाला है। इसके तहत प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों पर किसान अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू करेंगे। इसके बाद जिलों और फिर तहसील मुख्यालयों पर आंदोलन को फैलाया जाएगा।
भारतीय किसान संघ के प्रचार प्रमुख ने बताया कि बिजली कंपनियों की नीतियों में विसंगतियों के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसमें कई प्रावधान एक तरफा है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों को फसल खराबे का मुआवजा समय पर नहीं मिल पाने आदि मुद्दों को लेकर आंदोलन किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: शिवराज पर कांग्रेस का वार अब उपवास नहीं वनवास की करो तैयारी
उन्होंने बताया कि संभागीय मुख्यालयों पर होने वाले महापड़ाव में सबसे अधिक किसान जोधपुर में जुटेंगे। यहां करीब 50 हजार किसानों के जुटने की संभावना है। इधर किसानों के दूसरे संगठन राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने घोषणा की है कि यदि सरकार किसानों को उनकी उपज का सही समर्थन मूल्य नहीं देने की घोषणा करती है, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रतापगढ़ के किसानों ने मंदसौर के किसान आंदोलन के समर्थन में तीन दिन तक दूध और सब्जी की आपूर्ति रोक दी थी।
यह भी पढ़ें: अमित शाह का बयान महात्मा गांधी का अपमान, माफी मांगे पीएम: कांग्रेस
जाटों ने शनिवार को संगठन के पदाधिकारियों से मंदसौर कूच को लेकर चर्चा की। वहीं लहसुन का सही भाव नहीं मिलने से नाराज कोटा के किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं करती है, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यहां के किसानों ने दो दिन पहले मंडी में प्याज जलाकर विरोध दर्ज कराया था।