सुदूर की राशन दुकानों पर मिलेगा मॉल का सामान
रियायती दर की राशन दुकानों पर अनाज बेचने वाले दुकानदारों की आय को बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुदूर गांव में बसे लोगों को उनकी राशन की दुकानों से ही मॉल के सामान उपलब्ध होंगे। यह कदम राशन वितरण को फायदे का कारोबार बनाने के लिए उठाया गया है। रियायती दर इन दुकानों पर जरूरत का सामान मुहैया कराने के लिए फ्यूचर समूह ने हाथ आगे बढ़ाया है। इसके पहले चरण में फिलहाल तीन राज्यों ने पहल की है। इसकी देखादेखी उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य भी आगे आने को सोच रहे हैं।
रियायती दर की राशन दुकानों पर अनाज बेचने वाले दुकानदारों की आय को बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है। इसके लिए निजी कंपनी ने राशन दुकानों पर अपने ब्रांडेड व गैर ब्रांडेड उत्पादों को बेचने की इच्छा जताई थी। इसकी शुरुआत राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पायलट परियोजना के तौर पर की गई है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राशन की दुकानों पर डेढ़ सौ से तीन सौ उत्पादों को रखा जाएगा। इनमें स्थानीय स्तर पर उपभोक्ताओं की जरूरतों का पूरा ध्यान होगा, जिनमें ज्यादातर जल्दी खराब न होने वाली चीजों का प्रदर्शन किया जाएगा।
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मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राशन प्रणाली को लीक प्रूफ और पारदर्शी बनाने से किसी तरह की अनाज की चोरी होना अब संभव नहीं रह गया है। दूसरी ओर, राशन दुकानदारों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने उनके कमीशन में जहां बढ़ोतरी की है, वहीं इस तरह की स्कीम भी चालू की गई है। पायलट परियोजना की सफलता के बाद इसे दूसरे राज्यों में भी लागू करने पर विचार किया जाएगा, जिनमें उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य हैं।
तथ्य यह है कि राशन दुकानें महीने में सिर्फ सप्ताह भर ही खुलती हैं। अनाज आने के साथ ही हफ्तेभर बंट जाता है। इसके बाद दुकानें बंद रहती हैं, जिससे दुकानदारों का नुकसान के साथ उपभोक्ताओं की भी मुश्किलें होती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद राशन प्रणाली को मजबूत बनाने पर सारा जोर है। इसमें सबसे मजबूत कड़ी रियायती दर की राशन दुकानें हैं।
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राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में राशन दुकानों का नाम अन्नपूर्णा भंडार होगा। देशभर में कुल लगभग 5.3 लाख राशन दुकानें हैं, जिससे देश के 80 करोड़ उपभोक्ताओं को सस्ते राशन उपलब्ध कराये जाते हैं।