एंट्रिक्स-देवास डील में 1,585 करोड़ रुपये का जुमाना चुकाने के लिए नोटिस
बहुचर्चित एंट्रिक्स-देवास सौदे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1,585 करोड़ रुपये का अर्थदंड चुकाने का नोटिस दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। बहुचर्चित एंट्रिक्स-देवास सौदे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1,585 करोड़ रुपये का अर्थदंड चुकाने का नोटिस दिया है। ये नोटिस देवास मल्टीमीडिया कंपनी, उसके निदेशकों और विदेशी निवेशकों को दिया गया है। यह नोटिस सौदे में विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन करने के लिए दिया गया है।
यह अर्थदंड सौदे के तहत देवास मल्टीमीडिया में 578 करोड़ रुपये के अवैध विदेशी निवेश के कारण लगाया गया है। यह निवेश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन करके किया गया था। इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों का भी उल्लंघन हुआ था। अर्थदंड का नोटिस 30 जनवरी को जारी हुआ है।
देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड का गठन 2004 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कुछ पूर्व कर्मियों ने किया था। इसके बाद इसने केंद्र सरकार की कंपनी एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ जनवरी 2005 में एस-बैंड वेवलैंथ को लेकर समझौता किया। यह वेवलैंथ देश के सामरिक हितों की पूर्ति करने वाली है।
एंट्रिक्स शत प्रतिशत सरकारी नियंत्रण वाली कंपनी है और इसरो के अंतर्गत कार्य करती है। यह इसरो की व्यावसायिक शाखा की तरह कार्य करती है। सन 2012 में फेमा के उल्लंघन की शिकायत प्राप्त होने पर जांच शुरू हुई। तभी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।