नोटबंदी: ईडी ने सूरत के व्यापारी भजियावाला के खिलाफ चार्जशीट फाइल की
ये चार्जशीट गुजरात में विमुद्रीकरण से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर की गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान नोटबदली के आरोप में गिरफ्तार सूरत के व्यापारी जिग्नेश भजियावाला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। भजियावाला पर एक करोड़ रुपये से अधिक के पुराने नोटों को नए नोट में बदलने का आरोप है। आयकर विभाग के छापे में नए नोटों के साथ पकड़े जाने के बाद सीबीआइ ने भी उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली थी और ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई शुरु कर दी थी।
दरअसल ईडी ने जिग्नेश भजियावाला को मनी लांड्रिंग के आरोप में 19 जनवरी को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में जेल में है। ईडी ने दो महीने के रिकार्ड समय में उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इसके साथ ही उसके पास से बरामद 1,02,1600 रुपये को भी जब्त कर लिया है। जबकि सीबीआइ की जांच अभी चल रही है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अदालत में यदि आरोप साबित हो गया तो भजियावाला को सात साल तक की सजा हो सकती है।
ईडी की चार्जशीट के अनुसार जिग्नेश भजियावाला ने सूरत पिपुल्स कोआपरेटिव बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक पंकज भट्ट से मिलकर 1109 खाता धारकों का पहचान पत्र निकाल लिया और बाद इन खाता धारकों के नाम पर चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 नोटों को 2000 के नए नोट में बदलवाने लगा। इस तरह उसने एक करोड़ रुपये से अधिक के पुराने नोटों को नए में बदलवाने में सफल रहा। ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में यह साबित हो गया है कि बैंक से लिए गए पहचान पत्र के सहारे जिग्नेश ने ही पुराने नोटों को नए नोट में बदलवाया था और इसके आधार पर ही उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।
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