दुल्हन नहीं, बस था बैंड-बाजा और बारात, जानें- इस अनोखी शादी की दिल छू लेने वाली कहानी
यह विवाह भी बाकी सब विवाह की तरह था लेकिन सिर्फ दुल्हन की कमी थी।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। उत्तर गुजरात के हिंमतनगर में एक अनोखा विवाह महोत्सव देखने को मिला। घरवालों ने दूल्हे का दिल रखने के लिए बैंड-बाजा और बारात सबका इंतजाम किया, सिर्फ एक दुल्हनिया का वो इंतजाम नहीं कर सके। यह बहुत दुखद होता है, जब बिना दुल्हनिया को लिए एक बारात घर वापस लौट आए। इस शादी में वैसा ही हुआ, जब दुल्हा, बाराती सब दुल्हन को देखने के लिए बेताब थे, लेकिन दुल्हन नहीं आई। ऐसे में अजय बारोट की बारात धूमधाम से निकली जरुर लेकिन उसको वापस घर लौटना पड़ा।
यह है मामला
हिंमतनगर के चांपलानार गांव के विपुल बारोट के पुत्र अजय बारोट मंदबुद्धि होने के कारण परिवार वालों ने उनका विवाह नहीं कराने का फैसला किया, लेकिन अपने मित्र व अन्य युवाओं की विवाह समारोह देखकर अजय ने भी विवाह करने की जिद पकड ली। पुत्र अजय की जिद व उसकी खुशियों के लिए परिवार ने अन्य विवाह की तरह ही उसकी भी शादी कराने का फैसला लिया।
एक प्रॉपर शादी की तरह इस शादी में भी आमंत्रण पत्र छपवाए गए, मेहमानों को न्यौता भेजा गया, सभी रिश्तेदार आ भी गए, प्रीतिभोज का आयोजन भी कराया गया। आखिरकार अजय को दूल्हा भी बना दिया गया। सज-धज के घोडी पर बैठे अजय ने सबकी शादी की तरह अपनी शादी होती देख खूब इंजॉय किया। बताया गया कि बैंड बाजा और बारात के साथ शादी करने पहुंचे अजय की बहन निराली मामा कमलेश बारोट ने विवाह की हर परंपराओं को पूरा करते हुए इस अनोखे विवाह को संपन्न कराया। यह विवाह भी बाकी सब विवाह की तरह था, लेकिन सिर्फ दुल्हन की कमी थी।
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