यात्री शिकायतों, साफ-सफाई के मामले में उत्तर रेलवे का प्रदर्शन सबसे खराब
ट्रेनों की लेट-लतीफी के मामले में उत्तर रेलवे का प्रदर्शन बीते एक साल में काफी गिरा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रेनों के समय से चलने से लेकर साफ-सफाई और केटरिंग के मामले में रेलवे के सभी जोन में उत्तर रेलवे पिछड़ रहा है। रेलवे के सभी जोनों के मुकाबले बीते एक साल में उत्तर रेलवे में शिकायतों की संख्या सबसे अधिक रही है।
रेलवे के तमाम जोनों को पिछले साल पहली नवंबर से इस वर्ष 30 अक्टूबर तक विभिन्न सेवाओं से जुड़ी 198686 शिकायतें मिली। इनमें से 26 फीसद यानी 51684 शिकायतें उत्तर रेलवे से संबंधित थीं। सूत्रों के मुताबिक सबसे अधिक शिकायतें ट्रेनों के समय से न चलने, टिकटों के रिफंड, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी, केटरिंग व वेंडिंग सेवाओं और ट्रेनों की मेंटेनेंस और साफ-सफाई से संबंधित हैं।
सभी 17 जोनों में प्राप्त कुल शिकायतों का प्रति जोन औसत छह फीसद है। उत्तर रेलवे में मिलने वाली शिकायतों की संख्या औसत से काफी अधिक है। उपरोक्त अवधि में ट्रेनों की लेटलतीफी के लिए उत्तर रेलवे में 10618 शिकायतें दर्ज की गईं।
यह रेलवे को इस मद में मिली कुल शिकायतों का 27 फीसद है। जबकि मेंटेनेंस और कोच की साफ-सफाई से संबंधित शिकायतों की संख्या 6164 रही जो सभी जोनों के लिए मिली शिकायतों का 22 फीसद है। इस अवधि में उत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाले पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए 1825 शिकायतें मिलीं जबकि नई दिल्ली के लिए मिलने वाली शिकायतों की संख्या 1807 रही।
ट्रेनों की लेट-लतीफी के मामले में उत्तर रेलवे का प्रदर्शन बीते एक साल में काफी गिरा है। 2017-18 में ट्रेन समय से चलने का फीसद 64.98 था जो 2018-19 में 29 अक्टूबर तक गिर कर 57.01 फीसद रह गया है।