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पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ बढ़ेगा व्यापार

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि गलियारे का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र का आर्थिक विकास और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अपने व्यापार में सुधार करना है। रेड्डी ने कहा कि DoNER मंत्रालय पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के कार्यान्वयन का समर्थन करेगा।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 08:24 AM (IST)
पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ बढ़ेगा व्यापार
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को विभिन्न विकास परियोजनाओं पर की चर्चा। (फोटो-एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को विभिन्न विकास परियोजनाओं और उत्तर पूर्व आर्थिक गलियारे पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक में कहा कि गलियारे का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र का आर्थिक विकास और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अपने व्यापार में सुधार करना है। रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि DoNER मंत्रालय पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के कार्यान्वयन का समर्थन करेगा। मंत्री ने इस दौरान पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे पर उत्कृष्ट अध्ययन के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) को बधाई भी दी।

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अंतर-मंत्रालयी" टास्क फोर्स बनेगी, DoNER मंत्रालय देगा सहयोग

रेड्डी ने आश्वासन दिया कि DoNER (पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास) मंत्रालय पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के कार्यान्वयन का पूरा समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र का आर्थिक विकास और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ इसके व्यापार में सुधार करना है। इस मौके पर मंत्री ने DoNER मंत्रालय के सचिव को अन्य मंत्रालयों की भागीदारी के साथ एक "अंतर-मंत्रालयी" टास्क फोर्स बनाने पर काम करने को भी कहा। मंत्री ने कहा कि उनका प्रस्ताव है कि सचिव, डोनर वित्त, परिवहन मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, कृषि, रेलवे, नागरिक उड्डयन, जलमार्ग और शहरी विकास प्राधिकरण और पर्यटन, विदेश मंत्रालय और सभी आठों को शामिल करते हुए एक अंतर-मंत्रालयी कार्यबल बनाने पर काम करेंगे।

एडीबी के साथ मिलकर होगा काम

रेड्डी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य एडीबी को सभी आवश्यक समन्वय प्रदान करेंगे और इस पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे के समय पर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एडीबी के साथ मिलकर काम करेंगे। रेड्डी ने आगे सुझाव दिया कि एडीबी "गैर-सरकारी क्षेत्र की क्षमता निर्माण" पर ध्यान केंद्रित कर सकता है और वह इस क्षेत्र में अपेक्षित परिणाम देने के लिए वित्त पोषण और निष्पादन में उनकी भागीदारी की आशा करता है। उन्होंने साथ ही एडीबी को गैर-सरकारी क्षेत्र की क्षमता निर्माण, दक्षिण पूर्व एशिया के साथ पूर्वोत्तर के ऐतिहासिक व्यापार यात्रा मार्गों के पुनरुद्धार पर भी ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया।


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