उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण से चिंता में भारत
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का संदेह है कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों व मिसाइलों का फायदा पाकिस्तान ले सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण को लेकर भारत के माथे पर भी चिंता की लकीरें उभर आयी हैं। परमाणु व मिसाइल कार्यक्रमों में पाकिस्तान व उत्तर कोरिया के गठजोड़ से भारत चिंतित है और अधिक चिंता की बात यह है कि दोनों देशों के गठजोड़ का सूत्रधार चीन है।
दूसरी ओर पाकिस्तान भी अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने में जुटा है। और परमाणु हथियारों में इसने भारत को पीछे छोड़ दिया है (भारत के 110-120 की तुलना में इसके पास 130-140 हैं)। पाकिस्तान प्लूटोनियम आधारित परमाणु कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, प्लूटोनियम से हथियारों और मिसाइलों की क्षमता काफी बढ़ जाती है। वहीं पाकिस्तान ने एक साथ कई परमाणु मिसाइलों को दागने की क्षमता MIRV भी विकसित कर ली है, जबकि भारत अभी इस पर काम ही कर रहा है।
सूत्रों की माने तो पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के बीच छिपे तरीके से गठजोड़ है जिसमें चीन का भी हाथ है। उत्तर कोरिया ने हाल में ही हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है। प्योंगयांग के लगातार परमाणु परीक्षण ने अमेरिका, जापान समेत दुनिया के कई देशों को चिंता में डाल दिया है। इस साल उत्तर कोरिया 6 परमाणु परीक्षण कर चुका है, जिससे न केवल अमेरिका की बल्कि भारत की भी चिंता बढ़ गई है।
बता दें कि पाकिस्तान का 1,500 किमी रेंज वाला गौरी-3 मिसाइल उत्तर कोरियाई नोडोंग मिसाइल का ही प्रतिरूप है। ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने पाकिस्तान को इस मिसाइल का डिजाइन दिया है।
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