Move to Jagran APP

असम-मिजोरम सीमा विवाद : केंद्र का फैसला, सेटेलाइट इमेजिंग से होगा पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं का निर्धारण

अमित शाह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतरराज्यीय सीमाओं और जंगलों के मानचित्रण में एनईएसएसी को शामिल करने और राज्यों के बीच सीमाओं का वैज्ञानिक सीमांकन करने का सुझाव दिया था। शिलांग स्थित एनईएसएसी पहले से ही इस क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 07:53 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 07:53 PM (IST)
असम-मिजोरम सीमा विवाद : केंद्र का फैसला, सेटेलाइट इमेजिंग से होगा पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं का निर्धारण
कुछ माह पूर्व गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था सुझाव

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने सीमा विवादों के निपटारे के लिए सेटेलाइट इमेजिंग के जरिये पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं का निर्धारण करने का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

केंद्र सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य नार्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एनईएसएसी) को दिया गया है जो अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की संयुक्त पहल है। उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करके एनईएसएसी पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ महीने पहले सेटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से अंतरराज्यीय सीमाओं के निर्धारण का विचार रखा था। शाह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतरराज्यीय सीमाओं और जंगलों के मानचित्रण में एनईएसएसी को शामिल करने और राज्यों के बीच सीमाओं का वैज्ञानिक सीमांकन करने का सुझाव दिया था। शिलांग स्थित एनईएसएसी पहले से ही इस क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि सीमाओं के निर्धारण में वैज्ञानिक तरीके अपनाने से, किसी भी विसंगति की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी और राज्य सीमा विवाद के समाधान को बेहतर तरीके से स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि सेटेलाइट से मानचित्रण हो जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाएं खींची जा सकती हैं और विवादों को स्थायी रूप से सुलझाया जा सकता है।

बता दें कि मिजोरम सरकार का दावा है कि इनर लाइन रिजर्व वन क्षेत्र में 509 वर्ग मील का हिस्सा उसका है जिसे 1875 में बंगाल पूर्वी सीमांत नियमन, 1873 के तहत अधिसूचित किया गया था, जबकि असम का कहना है कि 1993 में भारतीय सर्वेक्षण द्वारा खींची गई सीमा और संवैधानिक मानचित्र उसे स्वीकार्य है।

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी पर स्वास्थ्य मंत्री का पलटवार, कहा- देश में वैक्सीन की नहीं, कांग्रेस नेता में परिपक्वता की कमी

यह भी पढ़ें : तेलंगाना में नक्सली ढेर, छत्तीसगढ़ के धमतरी में माओवादियों ने की ग्रामीण की हत्या


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.