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असम के बाघजान गैस से जल निकायों में कोई तेल नहीं बह रहा: Oil India

प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की एक विज्ञप्ति में भी यह कहा गया है कि अच्छी तरह से सिर का क्षेत्र सूखा है और कोई भी तेल किसी भी जलधारा में नहीं बह रहा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 08:56 AM (IST)
असम के बाघजान गैस से जल निकायों में कोई तेल नहीं बह रहा: Oil India
असम के बाघजान गैस से जल निकायों में कोई तेल नहीं बह रहा: Oil India

गुवाहटी, पीटीआइ। पीएसयू प्रमुख ऑयल इंडिया लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि असम के बाघजान में पिछले महीने एक विस्फोट के बाद गैस कुएं से किसी भी तरह का तेल जल निकायों में नहीं बह रहा है, जैसा कि एक वीडियो क्लिप में दावा किया गया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कंपनी ने बाढ़ के पानी से तिनसुकिया जिले में स्थित गैस कुएं में आग लगने की वजह बताई। OIL नें एक ट्वीट में कहा, 'एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया गया है कि बाघजान के कुएं से बहुत सारा तेल पास के जल निकायों / नदी में बह रहा है। यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि कुएं से निकलने वाले सभी हाइड्रोकार्बन पूरी तरह से जल चुके हैं।'

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प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की एक विज्ञप्ति में भी यह कहा गया है कि अच्छी तरह से सिर का क्षेत्र सूखा है और कोई भी तेल किसी भी जलधारा में नहीं बह रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है, कि आग लगने से पहले आस-पास के क्षेत्र में कंडेनसेट गिर रहा था क्योंकि यह गैस के साथ बाहर आ रहा था। लेकिन 9 जून को एक बार कुएं में आग लग गई, सभी कंडेनसेट और गैस जल रही है।

उल्‍लेखनीय है कि असम के तिनसुकिया जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड के संचालित बाघजान क्षेत्र में एक कुएं से 27 मई 2020 को प्राकृतिक गैस का अनियंत्रित रूप से रिसाव होने लगा था। इसके कारण विस्फोट हो गया जिससे आठ जून को कुएं में आग लग गई थी। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अग्निकांड के प्रभावितों को उचित मुआवजा दिए जाने का आश्‍वासन दिया था। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया था। समिति इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश भी करेगी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तेल कुएं में लगी आग पर काबू पाने में असफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ऑयल इंडिया पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी का कहना था कि कुएं में लगी आग से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। बता दें कि तेल के कुंओं में कुंआ संख्या पांच से पिछले 27 दिनों से लगातार गैस का रिसाव हो रहा है और नौ जून को उसमें आग लग गई। आग पर काबू पाने के प्रयास में ऑयल इंडिया के दो दमकल कर्मियों की मौत हो गई थी।


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