अब सड़कों पर बेधड़क दौड़ सकेंगे ई-वाहन और बायोफ्यूल व्हीकल, नहीं पड़ेगी परमिट की जरूरत
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इलेक्ट्रिक और बायो फ्यूल जैसे वैकल्पिक ईधन पर चलने वाले वाहनों को परमिट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने इस प्रकार के हरित वाहनों को परमिट से छूट देने का निर्णय लिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी।
वे सोसाइटी ऑफ आटोमोबाइल मैन्युफक्चरर्स (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'हमने इलेक्ट्रिक वाहनों और एथनॉल, बायो-डीज़ल, सीएनजी तथा बायो-फ्यूल जैसे वैकल्पिक ईधन पर चलने वाले ऑटो रिक्शा, बस, टैक्सी समेत समस्त वाहनों को परमिट की आवश्यकता से मुक्त करने का निर्णय लिया है।'
वाहन निर्माताओं का आह्वान करते हुए गडकरी ने कहा कि ओला तथा उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स भी अपने बेड़े में इस श्रेणी के वाहनों को शामिल कर इस सुविधा का लाभ प्राप्त सकते हैं। राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान के नेतृत्व में गठित मंत्रिसमूह की इस सिफारिश पर राज्य सरकारों ने भी सहमति जताई है।
गडकरी ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए सरकार निर्माताओं को किसी प्रकार की वित्तीय रियायत प्रदान नहीं करेगी। उन्होंने कहा, 'इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 12 प्रतिशत जीएसटी है। मुझे नहीं लगता कि किसी और सब्सिडी की आवश्यकता है। पर्यावरण को बचाने के लिए हमें नए उपायों की जरूरत है। हमारे मंत्रालय ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बगैर वित्तीय प्रोत्साहन के पांच वर्षो में इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बताई गई है।'
सरकार खर्च करेगी 5,500 करोड़
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2015 से फेम (फास्टर एडाप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्टि्रक व्हीकल्स) नामक स्कीम चला रही है। इसके दूसरे चरण की शुरुआत 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सूत्रों के अनुसार फेम-2 के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए सरकार 5,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने शुरुआत के तौर पर आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों को स्थानीय जांच की आवश्यकता से मुक्त कर दिया है। लेकिन यह छूट सीमित वाहनों को मिलेगी। यदि ये वाहन ग्राहकों को पसंद आए तो इनके निर्माताओं को भारत में फैक्ट्री लगाने की अनुमति दी जाएगी।
कुंभ मेले के दौरान कैटमरान क्यों नहीं चलाते
गडकरी ने वाहन निर्माताओं से जल परिवहन के क्षेत्र में उतरने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा, 'आप लोग जल परिवहन के क्षेत्र में क्यों नहीं उतरते? वाराणसी से इलाहाबाद के बीच गंगा में डेढ़ मीटर गहराई है। कुंभ मेले के दौरान 15 करोड़ लोग इलाहाबाद में एकत्र होंगे। आप आएं और वहां 500-600 सीट वाले कैटमरान (एक तरह की बोट) चलाएं। मैं आठ दिन के भीतर आपको सभी स्वीकृतियां दूंगा।'
वाराणसी में मल्टीमोडल हब के शीघ्र उद्घाटन का वादा करते हुए गडकरी ने कहा कि देश में बन रहे 60 रिवर पोर्ट वाहन निर्माताओं के लिए बड़ा अवसर लेकर आ रहे हैं। गडकरी ने ट्रकों व बसों में स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता खत्म करने तथा मेट्रो शहरों को छोड़ बाकी शहरों में दुपहिया टैक्सियों को अनुमति दिए जाने के संकेत भी दिए।