कश्मीर के युवाओं के हाथ में अब पत्थर नहीं, होगा रोजगार; यूथ सेंटर में उपलब्ध होगा कौशल विकास
जम्मू-कश्मीर की हालात का एक पहलू यह भी है कि यहां की 65 फीसद आबादी 35 साल से कम उम्र की है। इतनी बड़ी युवा आबादी के बावजूद यहां बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक है। केंद्र शासित प्रदेश में अभी बेरोजगारी की दर लगभग 25 फीसद है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। अब कश्मीरी युवाओं को कश्मीर में ही रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। पत्थरबाजी छोड़ चुके कश्मीर के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने और उन्हें विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए राज्य प्रशासन एक नई योजना शुरू करने जा रही है। शनिवार को इस योजना के पहले चरण को 10 जिलों में शुरू किया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इसका विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा। नई योजना में भागीदारी के लिए हिंदुजा, अशोक लीलैंड और रिलायंस समेत कई औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि श्रीनगर पहुंच रहे हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उड़ान, हिमायत, वतन को जानो और खिदमत केंद्र जैसी कई योजनाएं पिछले सालों में शुरू की गईं। लेकिन इन योजनाओं का प्रभाव सीमित रहा और व्यापक युवा वर्ग तक पहुंचने में ये सफल नहीं हो सकीं। स्थानीय युवाओं को बड़ी कंपनियों में ट्रेनिंग देकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरु की गई उड़ान योजना भी राज्य के बाहर रोजगार के अवसर होने के कारण परवान नहीं चढ़ सकी। हालत यह रही कि ट्रेनिंग करने के बाद भी बड़ी संख्या में युवाओं में राज्य के बाहर नौकरी करने से इनकार कर दिया। पुरानी योजनाओं की सीमाओं को देखते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने से लेकर रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने से जोड़ने के लिए एक नायाब स्कीम का खाका तैयार किया है। माना जा रहा है कि इससे पत्थरबाजी और अन्य कानून विरोधी गतिविधियों से दूर हो युवाओं को स्थायी तौर पर मुख्य धारा में जोड़ने में मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर की हालात का एक पहलू यह भी है कि यहां की 65 फीसद आबादी 35 साल से कम उम्र की है। इतनी बड़ी युवा आबादी के बावजूद यहां बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक है। केंद्र शासित प्रदेश में बेरोजगारी की दर लगभग 25 फीसद है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 13.8 फीसद है। जाहिर है बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं को देश विरोधी और अराजक तत्वों के लिए आसान से निशाना बना लेते हैं। समय रहते यदि इन युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों में शामिल नहीं किया गया तो देश विरोधी ताकतों को उन्हें लुभाने का नया अवसर मिल सकता है।
युवाओं की हर गतिविधियों का केंद्र होगा यूथ सेंटर
नई योजना के तहत पहले चरण में पुलवामा, अनंतनाग, सोपियां, कुलगाम, श्रीनगर, जम्मू, राजौरी, किश्तवार, कठुआ और रामबन जिले में यूथ सेंटर खोला जाएगा। यह यूथ सेंटर जिले में युवाओं की हर तरह की गतिविधियों का केंद्र होगा। यहां स्थानीय रोजगार और जरूरत के मुताबिक कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रबंध होगा। खेल-कूद और रचनात्मक गतिविधियों की व्यवस्था होगी। यहां काफी सेंटर और खाने-पीने व मनोरंजन के साधन के साथ ही मल्टीमीडिया सेंटर भी होगा। मल्टीमीडिया के माध्यम से एक जिले के युवा दूसरे जिले के युवाओं के साथ-साथ दुनिया के अन्य युवाओं के साथ एक-दूसरे के अनुभवों को साझा भी कर सकेंगे। यूथ सेंटर में को-वर्किग एरिया भी बनेगा, जहां जिले के युवा एक साथ बैठकर काम भी कर सकेंगे। एक तरह से यूथ सेंटर के सहारे युवाओं की हर तरह की जरूरत को पूरी करने की कोशिश होगी।