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अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नहीं है कोई Lockdown, पूरा देश घरों में कैद पर सरहद की रक्षा में दिन-रात डटे BSF जवान

no lockdown for the soldiers लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोग अपने घरों में बंद हैं। दूसरी ओर इस विषम परिस्थिति में भी सरहद की हिफाजत में हमारे जवान दिन- रात डटे हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 07:12 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 02:40 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नहीं है कोई Lockdown, पूरा देश घरों में कैद पर सरहद की रक्षा में दिन-रात डटे BSF जवान
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नहीं है कोई Lockdown, पूरा देश घरों में कैद पर सरहद की रक्षा में दिन-रात डटे BSF जवान

राजीव कुमार झा, कोलकाता। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोग अपने घरों में बंद हैं। दूसरी ओर इस विषम परिस्थिति में भी सरहद की हिफाजत में हमारे जवान दिन- रात डटे हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली में जुटे जवानों के लिए कोई लॉकडाउन नहीं है। बंगाल में भारत -बांग्लादेश सीमा की बात करें तो यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूरी तरह मुस्तैद व अलर्ट हैं।

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बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर फ्रंटियर के डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बॉर्डर के ऊपर पहले की तरह हमारी पूरी कार्रवाई चल रही है। ऑपरेशनल ड्यूटी में कोई कमी नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए होने वाली किसी भी तरह की राष्ट्र विरोधी वह अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए हमारे जवान चौबीसों घंटे मुस्तैद हैं। ग्राउंड पर हर जगह निगरानी  की जा रही है है। उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे जवानों की सुरक्षा के लिए भी सभी प्रकार के उपाय किए गए हैं। कोरोना से बचने के लिए जवान मास्क से लेकर सैनिटाइजर आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। बार-बार  हाथ भी धो रहे हैं।

गुलेरिया ने बताया कि कोरोना के प्रकोप व लॉकडॉउन के चलते हमारे फ्रंटियर के अंतर्गत चारों आइसीपी (चेक पोस्ट) - पेट्रापोल, गेदे, गोजाडांगा व मवादीपुर अभी पूरी तरह बंद है। इसके कारण यहां से होकर लोगों के आने-जाने का सिलसिला बंद हो चुका है। उन्होंने बताया कि हालांकि जो बांग्लादेशी नागरिक भारत से उस तरफ जाना चाहते हैं वह अभी भी जा रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश की तरफ से डिप्लोमेट्स या जरूरी सेवाओं से जुड़े इक्का-दुक्का लोगों का ही मूवमेंट है। वह भी विशेष परमिशन से आ रहे हैं। इन आइसीपी पर डॉक्टरों की टीम पूरी तरह स्क्रीनिंग करती है। हालांकि उन्होंने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों में भारत से बांग्लादेश की ओर जाने वाले बांग्लादेशियों की संख्या में काफी कमी आई है। 

गुलेरिया ने बताया कि जवानों को पब्लिक से कांटेक्ट आमतौर पर आइसीपी पर ही होता है। बाकी बॉर्डर पर जो डेप्लॉयमेंट है सभी जगह आबादी नहीं है। इसके बावजूद कोरोना से बचने के लिए हमारे जवान सभी एहतियाती उपाय कर रहे हैं।  डीआइजी ने बताया कि सबसे सबसे ज्यादा खतरा तो हमारे जवानों को रहता है। क्योंकि पूरे हिंदुस्तान के लोग इसमें है और हुए आते- जाते हैं। ट्रेनों आदि से सफर करते हैं। इसलिए हमने अभी उनकी छुट्टी बंद कर रखी है। जो जवान छुट्टी पर हैं उनकी छुट्टी हमने बढ़ा दी है। लॉकडाउन से पहले अगर इक्का-दुक्का कोई जवान आए भी तो उन्हें 14 दिनों के लिए अलग रखा जा रहा है। चाहे उनमें बुखार, खांसी हो या नहीं हो। उन्होंने बताया कि हमने बॉर्डर के पास कोरोना क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बना रखे हैं। टेंट लगाए हैं। वहीं पर खाना भी देते हैं और डॉक्टर भी नियमित रूप से चेकअप करते हैं। हालांकि अभी तक कोरोना पॉजिटिव का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

सीमावर्ती गांव के लोगों को भी जागरूक कर रही बीएसएफ 

डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि सरहद की रखवाली के साथ बीएसएफ के जवान सीमावर्ती क्षेत्र के गांव के लोगों को भी कोरोना से बचने के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं। जगह-जगह हमने बैनर व पोस्टर भी लगा रखे हैं। हमारे जवान व अधिकारी ग्रामीणों को लगातार जागरूक व लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में ही रहने के बारे में बता रहे हैं। 

जवानों के एक साथ खाना खाने पर भी रोक

डीआइजी ने बताया कि हमारे यहां कम्युनिटी किचेन या लंगर के दौरान बहुत से जवान एक साथ खाना खाते हैं। लेकिन कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हमारे जवान अभी एक -एक कर खाना खाते हैं। हम उन्हें एक जगह अभी इकट्ठा नहीं होने दे रहे हैं। सबको अलग-अलग टाइमिंग दे दिया गया है और वे बारी-बारी से खाना खाते हैं। इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान है। बार-बार हैंड वास या डिटौल से जवानों को हाथ धोने को कहा जा रहा है। यानी कोरोना से बचाव के लिए जो भी कदम उठाना चाहिए वह ग्राउंड पर लागू किया जा रहा है। 

बीएसएफ कैंपो से भी आने- जाने पर अभी पूरी तरह प्रतिबंध

डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि लॉकडाउन के चलते सभी बीएसएफ कैंपो से भी बेवजह बाहर निकलने या किसी के अंदर जाने पर अभी पूरी तरह प्रतिबंध है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के कैंपो या कार्यालयों में भी बहुत कम लोगों से अभी ड्यूटी ली जा रही है। यानी कार्यालयों में महज 10 फीसद कर्मचारी ही अभी काम पर आ रहे हैं। बाकी सब अपने घरों में ही हैं। दूरदराज से ट्रेन या बसों के जरिए आने वाले कर्मचारियों को भी अभी कार्यालय नहीं आने के लिए कहा गया है। ऐसे कर्मचारी घर से ही अभी काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीएसएफ कैंपों में भी जो कर्मचारी रहते हैं उन्हें भी अभी हम जरूरत के अनुसार ही कार्यालयों में बुला रहे हैं। इसके अलावा अभी बॉर्डर पर ऑपरेशनल ड्यूटी को छोड़कर मीटिंग आदि सभी बंद है। सिर्फ जो जरूरी मूवमेंट है वही किया जा रहा है।


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