रक्षा मंत्री का बयान, सेना के लिए धन की कोई कमी नहीं
रक्षा मंत्री ने बुधवार को जोर देकर कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सशस्त्र बलों के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं।
तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए उपकरण और हथियारों की खरीद के लिए कोष की कमी को लेकर सेना की चिंता को दरकिनार कर दिया। रक्षा मंत्री ने बुधवार को जोर देकर कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सशस्त्र बलों के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं।
संसद की स्थायी समिति से सेना ने कहा था कि वह कोष की भारी कमी का सामना कर रही है। जब दो मोर्चों पर युद्ध की आशंका बनी हुई है तब आपात खरीदारी के लिए सेना को संघर्ष करना पड़ रहा है। यहां तक कि चीन और पाकिस्तान अपने रक्षा बलों के आधुनिकीकरण में जोरशोर से जुटे हैं। पिछले महीने संसदीय समिति की रिपोर्ट संसद में पेश की जा चुकी है।
यहां डिफेंस एक्सपो में प्रेस द्वारा समिति की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, 'संसद की स्थायी समिति ने बहुत कुछ कहा है। मेरी इच्छा है कि आप समिति की पूरी रिपोर्ट पढ़ें। स्थायी समिति की रिपोर्ट में और भी बहुत कुछ कहा गया है।'
सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सारथ चंद ने संसदीय समिति से कहा था कि 2018-19 के बजट में रक्षा के लिए पर्याप्त कोष का आवंटन नहीं किए जाने से सेना के आधुनिकीकरण पर प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव उस समय पड़ेगा जब चीन की सेना अमेरिका के स्तर पर पहुंचने जा रही है। उन्होंने कहा था कि कोष की कमी का असर मौजूदा उपकरणों और यहां तक कि पूर्व की खरीदारी की किश्त चुकाने पर भी प्रभाव पड़ेगा।
उप प्रमुख की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ हिस्सों द्वारा यह कहा जाना कि रक्षा मंत्रालय कुछ नहीं कर रहा है सही नहीं है।
110 लड़ाकू जेट खरीद प्रक्रिया बंद नहीं होगी
110 लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू होने के कुछ दिनों बाद भारत ने विश्व के बड़े विमान निर्माताओं को आश्वस्त किया है कि यह प्रक्रिया पूर्व की तरह विफल नहीं होगी। 2016 में 126 जेट की खरीद प्रक्रिया विफल रही थी। रक्षा सचिव संजय मित्रा ने बुधवार को कहा कि सरकार की सजगता को लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं है। ये 110 लड़ाकू विमान वायुसेना के लिए खरीदे जाएंगे।