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विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में हस्तक्षेप उचित नहीं : अम‌र्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर अम‌र्त्य सेन ने बुधवार को यहां कहा कि विश्वविद्यालय को आर्थिक अनुदान सरकार देती है मगर इसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप उचित नहीं है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2016 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2016 08:24 PM (IST)
विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में हस्तक्षेप उचित नहीं : अम‌र्त्य सेन

कोलकाता। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर अम‌र्त्य सेन ने बुधवार को यहां कहा कि विश्वविद्यालय को आर्थिक अनुदान सरकार देती है मगर इसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप उचित नहीं है।

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प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी द्वारा प्रेसिडेंसी कॉलेज का निर्माण हुआ था। इसे सरकारी मदद की जरूरत थी, मगर संस्थान की स्वायत्तता में सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

ज्ञात हो कि गत वर्ष प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के मामलों में राज्य सरकार पर बेजा हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। सेन ने कहा कि सहिष्णुता एक महान गुण है। मौजूदा वक्त में कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए देशवासियों को इसकी सख्त जरूरत है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र की राजग सरकार पर हमला किया। उन्होंने अल्पसंख्यकों के हितों को ध्यान में रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्कों को भी अपना मत रखने का हक है।

विवि ने दिया डी. लिट

प्रोफेसर अम‌र्त्य सेन को प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय ने डी. लिट की उपाधि से नवाजा। बुधवार को विश्वविद्यालय के 200 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित विशेष दीक्षांत समारोह में उन्हें यह उपाधि दी गई। सेन प्रेसिडेंसी कॉलेज के छात्र रह चुके हैं।

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