मोसुल में लापता 39 भारतीय नागरिकों का कोई सुराग नहीं: इराक राजदूत
इराक के पास लापता 39 भारतीयों के के बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं मिली है।
नई दिल्ली (एएनआइ)। भारत में इराक के राजदूत फाखरी अल इस्सा ने बताया कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा अपहृत 39 भारतीय नागरिकों के बारे में उनके पास कोई सूचना नहीं जबकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि अंतिम बार उन्हें बादुश जेल में देखा गया था।
इस्सा ने एएनआई को कहा, 'मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मेरे पास कोई सूचना नहीं है। कभी कभी खबर अच्छी खबर नहीं होती है। वे बादुश जेल में हो सकते हैं।' हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इराक में 2014 में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक बादुश में एक जेल में कैद हो सकते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि इलाके में जारी संघर्ष के खत्म होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
स्वराज ने आगे बताया कि इराकी विदेश मंत्री 24 जुलाई को भारत आ रहे हैं और वे इस मामले में आगे की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि 'मुझे उम्मीद है कि सभी जिंदा होंगे। दाएस ने नहीं मारा होगा। हो सकता है वो उन्हें मजदूर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे होंगे। उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताह-महीनों ने अच्छी खबर मिलेगी।'
बता दें की जून 2014 में आतंकी संगठन आईएस के चंगुल से बच निकलने वाले पंजाब के एक व्यक्ति हरजीत मसीह ने दावा किया था कि बंदी बनाए गए 39 भारतीयों को मार डाला गया है। हालांकि विदेश मंत्रालय बार-बार यह बात दोहराता रहा है कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है, जिससे उनके मारे जाने की पुष्टि हो। भारतीय नागरिकों को 11 जून, 2014 को उत्तरी इराक के मोसुल में आईएस ने बंदी बना लिया था।
यह भी पढ़ें: इराक में लापता हुए 39 भारतीयों के परिजनों से सुषमा स्वराज ने की मुलाकात