लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई पर न पड़े कोई असर, मंत्रालय की तैयारियां जोरों पर
सभी राज्यों से हर दिन लिया जा रहा है फीडबैक इसके लिए आला अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इसके लिए मंत्रालय में भी कई अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। वो इस मामले को देखेंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना के चलते 21 दिनों के इस लंबे लॉकडाउन में छात्रों की पढ़ाई पर कोई आंच न आए, इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय पूरी ताकत से जुटा हुआ है। इसके तहत सभी राज्यों को उनकी भाषा में ही अध्ययन सामाग्री उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही यह कितने छात्रों तक पहुंच गई है, इसकी भी हर दिन जानकारी ली जा रही है। इसके साथ ही मंत्रालय ने छात्रों के वेलफेयर से जुड़ी गतिविधियों को भी जारी रखने के निर्देश दिए है।
मंत्रालय इस समय छात्रों को घर बैठ कर ही आनलाइन, मोबाइल व टीवी आदि माध्यमों से पढ़ाई कराने में जुटी हुई है। इनमें स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा से जुड़े सभी छात्रों शामिल है। इस बीच मंत्रालय ने इस पूरी व्यवस्था को ठीक तरीके से संचालित करने के लिए मंत्रालय के स्तर पर आला अधिकारियों की भी तैनाती की है।
इस दौरान एनआईओएस सहित स्कूलों से जुड़ी सारी आनलाइन पढ़ाई का जिम्मा मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर सी मीणा को सौंपा गया है, जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय व आईआईटी आदि में छात्रों की घर बैठे पढ़ाई करने का जिम्मा अतिरिक्त सचिव राकेश सरवाल को दिया गया है। इसके साथ ही छात्रों के वेलफेयर से जुड़ी गतिविधियों को ठीक तरीके से संचालित रखने के लिए भी मंत्रालय ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को काम पर लगाया गया है।
इनमें संयुक्त सचिव चंद्र शेखर को उच्च शिक्षा संस्थानों का जिम्मा दिया गया है, जबकि नवोदय विद्यालयों आदि की जिम्मा कमिश्नर नवोदय विद्यालय संगठन बी के सिंह को दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके साथ ही सीबीएसई, एनसीईआरटी, एनसीटीई और एनआईओएस जैसी शैक्षणिक संस्थानों को अपने स्थानीय कार्यालयों के जरिए राज्यों और छात्रों से संपर्क में रहने को कहा है।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक वह फिलहाल उन छात्रों को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित है, जो प्रमोट होकर 10 और 12 वीं में पहुंच गए है। जिन्हें अब से करीब दस महीने बाद बोर्ड की परीक्षा में शामिल होना होगा। ऐसे में उनकी पढ़ाई पर इस लॉकडाउन का कोई असर न पडे, इसके लिए मंत्रालय पूरी ताकत से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही मंत्रालय की उन छात्रों को लेकर भी फोकस है, जो बारहवीं की परीक्षा दे चुके है औऱ अब कालेज, जेईई और मेडीकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है।
लॉकडाउन के प्रतिकूल सामाजिक प्रभाव से निपटने को बैंकों का कर्ज सस्ता करने तथा कर्ज की किस्तों की वसूली तीन महीने टालने का एलान तथा भारतीय स्टेट बैंक द्वारा उस पर अमल भी हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गरीबों, किसानों, कामगारों, महिलाओं, बुजुर्गों को सहारा देने के लिए एक करोड़ सत्तर लाख रुपये के राहत पैकेज का एलान पहले ही किया जा चुका है। अनेक राज्य सरकार भी अपनी ओर से अनेक कल्याणकारी उपाय लागू कर रहे हैं ताकि आमजन की मुसीबतों को कम किया जा सके।