मसर्रत आलम की रिहाई गैरकानूनी नहींः पीडीपी
एक ओर मसर्रत आलम की रिहाई को लेकर पूरा संसद एकजुट है, तो वहीं जम्मू-कश्मीर में सत्तासीन पीडीपी ने इसे जायज बताया है। पीडीपी नेता फिरदौस टक ने कहा है कि मसर्रत की रिहाई गैरकानूनी नहीं है।
नई दिल्ली। एक ओर मसर्रत आलम की रिहाई को लेकर पूरा संसद एकजुट है, तो वहीं जम्मू-कश्मीर में सत्तासीन पीडीपी ने इसे जायज बताया है। पीडीपी नेता फिरदौस टक ने कहा है कि मसर्रत की रिहाई गैरकानूनी नहीं है।
एक सवाल के जवाब में पीडीपी नेता फिरदौस टक ने कहा कि मसर्रत आलम की रिहाई कानूनी रूप से सही है। इस मामले में कहीं भी कोई गलती नहीं हुई है। टक ने कहा कि मसर्रत को सभी मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इस मुद्दे को लेकर पीडीपी-भाजपा गठबंधन पर उठ रहे सवाल के जवाब में फिरदौस टक ने कहा कि हमारे गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है। हम सुलह के एजेंडे पर काम कर रहे हैं और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
वहीं अलगाववादी नेता सैय्यद अहमद शाह गिलानी ने भी मसर्रत आलम की रिहाई को सही बताया है। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा हुर्रियत की प्रशंसा करना सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है। इससे कश्मीर में कोई बदलाव नहीं होगा।
गिलानी ने कहा कि मसर्रत आलम पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। वो मेरे अजीज हैं, मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूं। गिलानी ने ये भी कहा कि भारत को इस वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए कि कश्मीर का विवादित हिस्सा भारत का अंग नहीं है।
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