नहीं मिला बृजेश ठाकुर को जेल में प्रताड़ित करने का सबूत
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने रिपोर्ट देख कर कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर बालिका यौन उत्पीड़न कांड के मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर को पटियाला जेल में प्रताडि़त किये जाने की शिकायत की मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि नहीं हुई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि इसमें ऐसी कोई बात नहीं कही गई है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामला निपटा दिया। बृजेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार की जेल से पंजाब में पटियाला जेल में स्थानांतरित किया गया है।
पिछली सुनवाई गत छह दिसंबर को वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बृजेश ठाकुर के बच्चों की ओर से भेजी गई चिट्ठी पेश करते हुए आरोप लगाया था कि बृजेश को पटियाला की जेल में शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। कोर्ट ने इस शिकायत पर उसी दिन चार बजे बृजेश ठाकुर को मेडिकल जांच के लिए पटियाला के राजेन्द्र हास्पिटल के मेडिकल बोर्ड के सामने पेश करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 10 दिसंबर तक बृजेश की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी।
सोमवार को कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश हुई। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने रिपोर्ट देख कर कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है। बृजेश के वकील ने मुजफ्फरपुर संरक्षण गृह ढहाने के बिहार सरकार के नोटिस का मुद्दा भी कोर्ट में उठाया लेकिन कोर्ट ने उस संबंध मे कोई भी निर्देश नहीं दिया।