नोटबंदी से चालू रबी सीजन की बुवाई बेअसर
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने एक बयान में दावा किया है कि जमीनी हकीकत से नावाकिफ लोग रबी की खेती का मुद्दा बना रहे हैं।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी से चालू रबी सीजन की बुवाई बेअसर है। बुवाई की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई है। प्रमुख फसल गेहूं को छोड़कर बाकी अन्य फसलों की बुवाई अंतिम दौर में है। जबकि गेहूं की खेती दिसंबर के पहले सप्ताह तक हो सकती है। प्रमुख फसलों के बीजों की खरीद के लिए सरकार ने पुराने बंद हो चुके पांच सौ और एक हजार के नोट की छूट दे दी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने एक बयान में दावा किया है कि जमीनी हकीकत से नावाकिफ लोग रबी की खेती का मुद्दा बना रहे हैं। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई 79.40 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कुल बुवाई रकबा का लगभग एक तिहाई है। गेहूं की बुवाई अपने चरम पर है। इसी तरह तिलहन का बुवाई रकबा 56.16 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, जो पिछले सीजन के 48.74 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अधिक है। इसी तरह दलहन का बुवाई रकबा 74.55 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले सीजन 69.98 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो सकी थी।
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी साप्ताहिक बुलेटिन में बुवाई के आंकड़े पेश किये गये हैं। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इन्हीं आंकड़ों केका हवाला देते हुए किसानों के सहारे राजनीति करने वालों पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विमुद्रीकरण के चलते किसानों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए ही कई उपाय किये हैं। देश भर में 24.46 करोड़ जन धन बैंक खाते हैं। जबकि देश के 14 करोड़ किसान हैं, जिनमें सात करोड़ से अधिक लोगों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं। किसानों को खाते से 25 हजार रुपये तक निकालने की पूरी छूट है।
बीज खरीदने के लिए पुराने 500 रुपये के नोट को चलाने की अनुमति दी गई है। किसानों को अपने बैंक खाते में पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट जमा कराने की छूट है। कृषि आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं है।