जजों की नियुक्ति पर न्यायपालिका से बड़ा मतभेद नहीं : सरकार
लोकसभा में बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र के इन दोनों स्तम्भों के बीच कोई कड़वाहट नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने कहा है कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर कोई गहरे मतभेद नहीं हैं। साथ ही यह भी कहा कि दोनो के बीच किसी भी मतभेद को आपस में सुलझा लिया गया है।
लोकसभा में बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र के इन दोनों स्तम्भों के बीच कोई कड़वाहट नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मतभेद है भी तो कार्यपालिका और न्यायपालिका ने आपस में सुलझा लिया है ताकि जज के उच्च संवैधानिक पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति की नियुक्ति हो। मंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और 24 हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति सहयोगी और एकीकृत प्रक्रिया है। इसमें कार्यपालिका और न्यायपालिका दोनों की ही भूमिका है।
सरकार का यह कथन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम का उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने का फैसला कानून मंत्रालय में विगत जनवरी से लंबित है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कानून मंत्रालय मल्होत्रा को तो सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करना चाहता है लेकिन जस्टिस जोसेफ का नाम रोक रखा है।