मोसुल में लापता भारतीयों का अभी तक कोई सुराग नहीं
जनरल सिंह मोसुल के आस-पास के इलाकों में खोज खबर लेने के बाद बुधवार रात को बगदाद पहुंचे हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोसुल में लापता 39 भारतीयों के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं है। विदेश राज्यमंत्री जनरल वी के सिंह ईराक में डेरा डाले हुए हैं लेकिन पूरे शहर से उन लापता भारतीयों के बारे में कोई पता नहीं लग पाया है। जनरल सिंह मोसुल के आस-पास के इलाकों में खोज खबर लेने के बाद बुधवार रात को बगदाद पहुंचे हैं। लेकिन अभी तक किसी भी स्त्रोत से कोई शुभ समाचार नहीं मिल पाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि, ''ईराक प्रशासन को कहा गया है कि सिर्फ लापता 39 भारतीयों के बारे में ही नहीं बल्कि कोई और भी भारतीय कहीं भी दिखाई दे तो उसकी सूचना भारतीय दूतावास को दिया जाए। इराक सरकार की मदद से वहां के तमाम हवाई अड्डों को भी सतर्क किया गया है कि वे अगर किसी भी भारतीय को देखे तो उसके बारे में अवश्य भारतीय दूतावास को जानकारी दे। वैसे हमारी खोज उच्च स्तर पर गंभीरता से जारी है।''
सनद रहे कि वर्ष 2014 में अगवा 40 भारतीयों में से अभी तक सिर्फ एक के बारे में खबर मिली है। जो काफी समय पहले भारत लौट चुका है। स्वदेश लौटे उस व्यक्ति ने यह भी दावा किया था कि उसके सामने अन्य 39 भारतीयों की हत्या की गई थी। लेकिन भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर यह कभी नहीं माना है कि उनकी मौत हो चुकी है। सरकार ने यहां तक कहा है कि उन्हें अन्य सूत्रों से यह सूचना मिलती रही है कि लापता 39 भारतीय जिंदा है।
यमन के सरकारी अधिकारियों ने भारत को यह बताया था कि कुछ भारतीयों के मोसुल के एक चर्च में छिपे होने की सूचना मिली है। ताजी जानकारी यह है कि जिस चर्च की बात की जा रही थी वह मोसुल में जमींदोज हो चुकी है। वहां कुछ रूसी मूल के आतंकियों के शव तो मिले हैं लेकिन कोई भारतीय नहीं मिला है। ऐसे में सरकार ने इन भारतीयों के खोज का दायरा बढ़ा दिया है। सरकार के पास और इंतजार करने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
मोसुल से खूंखार आतंकी संगठन आइएसआइएस के परास्त होने की खबर आने के साथ ही भारत ने अपने विदेश राज्य मंत्री को इरबिल (कुर्दिस्तान) भेजा था जो मोसुल का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। सिंह ने इराक केविदेश मंत्री इब्राहिम अल जाफरी से भी मुलाकात की है और उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पत्र भी सौंप दिया गया है। इसमें मोसुल के आजादी का स्वागत किया है और आइएस के खात्मे पर भी संतोष जताया गया है।
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