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बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिवाली में बैलगाड़ी दौड़ पर बैन हटाने से किया इनकार

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंजुला चेल्लुर और एनएम जामदार ने महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ पर प्रतिबंध जारी रखते हुए राज्य सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 11 Oct 2017 02:45 PM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2017 06:06 PM (IST)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिवाली में बैलगाड़ी दौड़ पर बैन हटाने से किया इनकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिवाली में बैलगाड़ी दौड़ पर बैन हटाने से किया इनकार

मुंबई, प्रेट्र। बांबे हाई कोर्ट ने बुधवार को दिवाली के मौके पर महाराष्ट्र में होने वाले बैलगाड़ी दौड़ पर लगे प्रतिबंध को हटाने से इन्कार कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि कानून में किसी भी प्रकार का संशोधन इस तथ्य को नहीं बदल सकता है कि बैलों की शारीरिक बनावट ऐसे खेलों के लिए उपयुक्त नहीं है।

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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंजुला चेल्लुर और एनएम जामदार ने महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ पर प्रतिबंध जारी रखते हुए राज्य सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत का कहना था कि ऐसे खेलों में बैलों का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से क्रूरता है। दूसरी तरफ राज्य सरकार का कहना था कि उसने पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम में संशोधन कर दिया है, ताकि बैलों पर किसी तरह से क्रूरता न हो। इस पर खंड पीठ ने पूछा कि क्या कोई कानून किसी पशु की शारीरिक संरचना को बदल सकता है? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपने क्या संशोधन किए। हकीकत तो यह है कि घोड़ों और कुत्तों की तुलना में बैलों की शारीरिक बनावट बिल्कुल अलग होती है।

पुणे निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अजय मराठे की याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। उन्होंने बैलगाड़ी दौड़ की इजाजत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कानून में संशोधन को चुनौती दी थी।

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