एनजेएसी पर केंद्र को झटका, पांच सदस्यीय खंडपीठ ही करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) मामले पर केंद्र सरकार की मांग को खारिज कर दिया। इस मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ही करेगी। केंद्र सरकार ने इस मामले की सुनवाई 9 या 11 न्यायाधीशों की खंडपीठ से करवाने की मांग की थी। केंद्र
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) मामले पर केंद्र सरकार की मांग को खारिज कर दिया। इस मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ही करेगी।
केंद्र सरकार ने इस मामले की सुनवाई 9 या 11 न्यायाधीशों की खंडपीठ से करवाने की मांग की थी। केंद्र सरकार की मांग का खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनावाई मेरिट के आधार पर होगी। इसके बाद भी कोर्ट को लगेगा तो मामले को बड़ी पीठ के पास भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की नई व्यवस्था देने वाले राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का गठन फिलहाल लटक गया है। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने लंबित याचिकाओं का निपटारा होने तक एनजेएसी के गठन के लिए दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के चयन की बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। फिलहाल संविधानपीठ में इसकी वैधानिकता पर बहस चल रही है। मुख्य न्यायाधीश के बैठक में हिस्सा नहीं लेने से फिलहाल एनजेएसी का गठन लटक गया है।
बीस साल से चली आ रही कोलेजियम व्यवस्था समाप्त कर न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एनजेएसी कानून पारित किया गया है। कानून लागू भी हो चुका है अब छह सदस्यीय एनजेएसी का गठन होना है। लेकिन एनजेएसी की वैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। मामले पर न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।
लटका एनजेएसी का गठन, मुख्य न्यायाधीश का चयन बैठक में हिस्सा लेने से इंकार