नए ट्रैफिक नियमों पर गडकरी का बयान, कहा- रेवेन्यू के लिए नहीं, जिंदगी बचाना के लिए लगाया जुर्माना
राज्य सरकारों द्वारा यातायात नियम उल्लंघन जुर्माने में कटौती करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये राजस्व आय योजना नहीं है।
नई दिल्ली,एएनआइ। केंद्र सरकार द्वारा लगाए हए भारी ट्रैफिक जुर्मानों को लेकर जनता पहले ही सरकार से नाराज हैं। वहीं, कुछ राज्य इन जुर्मानों में थोड़ी राहत दें रहे हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह राजस्व आय योजना नहीं है, क्या आप 1,50,000 लोगों की मौतों के बारे में चिंतित नहीं हैं?
उन्होंने आगे कहा कि जुर्माने से मिली रकम राज्य सरकारों को ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जुर्माना घटाने का फैसला कर सकती है और यह उनपर निर्भर करता है। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार मकसद बस ये है कि वह सड़क परिवहन को सुरक्षित बना सकें और लोगों को दुर्घटना का शिकार होने से बचा सकें।
गुजरात सरकार ने की दंड में कमी
जानकारी के लिए बता दें कि गुजरात सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए दंड में लगभग 50 फीसदी की कमी की है। नए जुर्माने की घोषणा खुद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने की। राज्य में यातायात उल्लंघन के लिए नए नियम 16 सितंबर से लागू किए जाएंगे। राज्य सरकार ने अब बिना हेल्मेट पर 1000 रुपये की जगह 500 रुपये के जुर्माने का एलान किया है। वहीं, कार में भी बिना सीट बेल्ट के 1000 रुपये की बजाय 500 रुपये का जुर्माना लगेगा।
राज्य सरकारों के फैसले पर कही ये बात
गडकरी ने कहा कि जुर्माने पर राज्य सरकारों के फैसले पर कहा कि राज्य सरकारों को फैसला लेना का पूरा अधिकार है। राज्य सरकार ये फैसला ले सकती हैं। मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। इससे जो भी रेवेन्यू आएगा उसका सारा पैसा राज्य सरकारों के पास ही रहेगा। उन्होंने ये भी कहा कि मैं सिर्फ अनुरोध कर सकता हूं कि यह फाइन रेवेन्यू के लिए नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी के लिए है।
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