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नीति आयोग ने की 45 पीएसयू को बेचने की सिफारिश, लेकिन विनिवेश विभाग ने नहीं दी मंजूरी

45 सार्वजनिक उपक्रमों को निजी क्षेत्र में बेचने की सिफारिश पर विनिवेश विभाग कुंडली मारकर बैठा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 09:55 PM (IST)
नीति आयोग ने की 45 पीएसयू को बेचने की सिफारिश, लेकिन विनिवेश विभाग ने नहीं दी मंजूरी
नीति आयोग ने की 45 पीएसयू को बेचने की सिफारिश, लेकिन विनिवेश विभाग ने नहीं दी मंजूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नीति आयोग ने तत्परता दिखाते हुए भले ही दो साल में 45 सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) की पहचान कर इन्हें निजी क्षेत्र को बेचने की सिफारिश कर दी हो, लेकिन विनिवेश विभाग इस पर कुंडली मारकर बैठा है। हाल यह है कि इनमें से कई उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश के प्रस्ताव को कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति (सीसीईए) की हरी झंडी मिलने के बाद भी अब तक कुछ खास प्रगति नहीं हुई है।

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-आयोग कर चुका है अब तक 45 पीएसयू के रणनीतिक विनिवेश की सिफारिश

-आयोग ने बीएचईएल और अशोक होटल के भी रणनीति विनिवेश की सिफारिश की

सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग अब तक सरकार को पांच सूची सौंपकर कुल 45 सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश यानी उन्हें निजी क्षेत्र को बेचने की सिफारिश कर चुका है लेकिन अब इनमें से एक भी अंजाम तक नहीं पहुंचा है। मसलन, हिन्दुस्तान एंटीबॉयोटिक्स लिमिटेड और सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया जैसी करीब दर्जनभर कंपनियों को सीसीईए की मंजूरी मिलने के बाद भी अब तक कुछ पता नहीं कि इनके रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया अभी किस चरण में है।

सूत्रों ने कहा कि आयोग ने ताजा सूची में 11 पीएसयू के रणनीतिक विनिवेश की सिफारिश की है जिसमें बीएचईएल, एंड्रयू यूले एंड कंपनी, आइटीडीसी अशोक, एमटीएनएल, बाल्मर लॉरी, नेशनल टैक्सटाइल कारपोरेशन, एफसीआइ अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, मेकॉन लिमिटेड, ब्रेथवेट एंड कंपनी और टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के नाम शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए अपने बजट भाषण में घोषणा कर नीति आयोग को उन पीएसयू की पहचान करने को कहा था जिनका रणनीतिक विनिवेश यानी बेचा जाना है।

आयोग पीएसयू की पहचान कर सरकार को सूची सौंपी देता है फिर विनिवेश पर समितियों की समिति विचार करती है और उसके बाद उसे कैबिनेट की आर्थिक मामलों से संबंधी समिति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है। सीसीईए की मंजूरी मिलने के बाद विनिवेश विभाग इनकी बिक्री प्रक्रिया पूरी करने के लिए एडवाइजर नियुक्त करता है और एक्सप्रैशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी करता है। जैसे हाल ही में विनिवेश विभाग ने एयर इंडिया और एयर इंडिया चार्टर लिमिटेड के लिए ईओआई जारी किया था।


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