निशंक ने किया ऐलान, कोरोना के चलते 13 देशों में 30 मई को होने वाली स्कालरशिप परीक्षा स्थगित
भारत में पढ़ाई के लिए इच्छुक छात्रों को यह स्कालरशिप आफर की जाती है। हालांकि इसके लिए उन्हें परीक्षा पास करना जरूरी होता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए 30 मई को दुनिया के करीब 13 देशों में आयोजित होने वाली स्कालरशिप परीक्षा को स्थगित कर दिया है। अब यह परीक्षा जुलाई में होगी। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को अंतिम समय में इसे स्थगित करने का ऐलान किया। साथ ही कहा कि जल्द ही इसकी नई तारीख घोषित की जाएगी।
विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए शुरू की स्कालरशिप परीक्षा: निशंक
फिलहाल इस परीक्षा का आयोजन जिन देशों में होना था, उनमें भारत के साथ बांग्लादेश, भूटान, इथोपिया, इंडोनेशिया, केन्या, मॉरीशस, नेपाल, श्रीलंका, रवांडा, तंजानिया, यूगांडा, जाम्बिया शामिल है। वैसे भी भारत में हर साल इन्ही देशों से पढ़ने के लिए सबसे ज्यादा छात्र आते है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह पहल भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की ओर से ज्यादा से ज्यादा विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए शुरू की है। इसके तहत इस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले दो हजार छात्रों को ढाई लाख रुपए सालाना की स्कालरशिप प्रदान की जाती है। यह अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही कोर्सो में प्रवेश लेने पर आफर की जाती है।
कोरोना के चलते विदेशी छात्रों की मांग पर निशंक ने लिया फैसला
निशंक ने बताया कि इन देशों के छात्रों की ओर से लगातार आ रही मांगों के बाद यह फैसला लिया गया है। साथ ही इन संबंध में सभी को जानकारी दे दी गई है। इन छात्रों की मांग थी, कि कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते जब उनके बाहर निकलने पर प्रतिबंध है, ऐसे में वह परीक्षा केंद्रों तक कैसे जा सकते है? बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्टडी इन इंडिया स्कीम के तहत इंडियन स्कालैस्टिक असेसमेंट (इंड-सैट) नाम से पहल शुरु की है। इसके तहत भारत में पढ़ाई के लिए इच्छुक छात्रों को यह स्कालरशिप आफर की जाती है। हालांकि इसके लिए उन्हें परीक्षा पास करना जरूरी होता है।