रक्षा मंत्री सीतारमण की दो टूक, चीन-पाक आर्थिक गलियारे पर नहीं बदलेगा भारत का रुख
चेन्नई सेंटर फॉर चाइना स्टडीज की दसवीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह (सीपीईसी) संप्रभुता का मामला है और हम इस पर पुनर्विचार नहीं करेंगे।'
चेन्नई, पीटीआइ। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि चीन के साथ अपने रिश्तों को भारत, चीन-पाकिस्तान संबंध के चश्मे से नहीं देखता। साथ ही उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर भारतीय रुख में बदलाव की संभावना से इन्कार कर दिया।
चेन्नई सेंटर फॉर चाइना स्टडीज की दसवीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह (सीपीईसी) संप्रभुता का मामला है और हम इस पर पुनर्विचार नहीं करेंगे।' मालूम हो कि यह गलियारा दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में ग्वादर को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ता है। यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजरता है जिस पर भारत अपना दावा करता है।
रक्षा मंत्री ने साथ ही चीन के साथ संवाद बढ़ाने के लिए हॉटलाइन की स्थापना पर जोर दिया। लेकिन यह भी साफ किया कि चीन द्वारा भारत के पड़ोसियों को प्रदान की जा रही आर्थिक सहायता और इसके देश पर पड़ सकने वाले असर के बारे में सरकार पूरी तरह सतर्क है। इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना हथियारों और उपकरणों के मामले में पूरी तरह चीन पर निर्भर होती जा रही है।