गंगा मंथन से शुरू होगा निर्मल गंगा अभियान
गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के कार्य को मोदी सरकार जनांदोलन का रूप देगी। सरकार जुलाई में 'गंगा मंथन' कार्यक्रम का आयोजन कर इसकी शुरुआत करेगी। इस विचार-विमर्श में गंगा किनारे के सभी सांसद, विधायक और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। सरकार गंगा पर एक वेबसाइट भी लांच करेगी। केंद
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के कार्य को मोदी सरकार जनांदोलन का रूप देगी। सरकार जुलाई में 'गंगा मंथन' कार्यक्रम का आयोजन कर इसकी शुरुआत करेगी। इस विचार-विमर्श में गंगा किनारे के सभी सांसद, विधायक और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। सरकार गंगा पर एक वेबसाइट भी लांच करेगी।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा, जल संरक्षण, नदी संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों, वैानिकों और जाने-माने विशेषाों को भी 'गंगा मंथन' में आमंत्रित किया जाएगा। केंद्र सरकार के चार मंत्रालय, पर्यटन, पर्यावरण, जहाजरानी व जल संसाधन के सचिवों का समूह इस दौरान गंगा नदी को अविरल एवं निर्मल बनाने की कार्ययोजना का मसौदा तैयार करेगा। 'गंगा मंथन' में आए सुझावों और विचारों को समाहित कर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
उमा भारती ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में कहा था कि विकास को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत है। इसी तरह गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के अभियान को भी जनांदोलन का रूप देने की जरूरत है। इस अभियान में यमुना व अन्य नदियां भी शामिल हैं। 'गंगा मंथन' में यमुना पर भी विचार-विमर्श होगा। उमा ने बताया कि गंगा से जुड़ी वेबसाइट पर दुनियाभर के पर्यावरणविद अपनी राय भेज सकेंगे।
भ्रामक खबरों की जांच के लिए आदेश
उमा भारती ने गंगा के बारे में असत्य और भ्रामक खबरों की जांच के आदेश दिए हैं। उमा ने कहा, हाल में आई खबर कि गंगा में कूड़ा फेंकने या थूकने पर जुर्माने और सजा का प्रावधान किया गया है, पूरी तरह असत्य है। इस तरह की चर्चा मंत्रलय में नहीं हुई। सचिवों के समूह में भी इस पर कोई विचार नहीं हुआ। आखिर यह खबर कहां से आई? उन्होंने प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआइबी) को इसकी जांच का निर्देश दिया है।