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निर्भया केस : किसी के घर मना मातम तो किसी के घर बजेगी शहनाई

निर्भया केस में एक ओर जहां चारों आरोपियों को फांसी दिए जाने के बाद उनके घर मातम मना वहीं दूसरी ओर फांसी देने वाले जल्लाद के घर में शहनाई बजने का रास्ता साफ हो गया।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 08:21 AM (IST)
निर्भया केस : किसी के घर मना मातम तो किसी के घर बजेगी शहनाई
निर्भया केस : किसी के घर मना मातम तो किसी के घर बजेगी शहनाई

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली के निर्भया केस में हुई फांसी के बाद जहां चारों आरोपियों के परिवारों में मातम का माहौल दिखा वहीं इनको फांसी पर लटकाने वाला जल्लाद पवन खुश है। अब इनको फांसी दिए जाने के एवज में मिलने वाले पैसे से वो अपनी बेटी की शादी करेंगे। इससे पहले तीन बार इन दोषियों का डेथ वारंट कैंसल हो चुका है। जब 22 जनवरी की सुबह 7 बजे इन चारों को फांसी पर लटकाने का फरमान अदालत ने सुनाया था तो पवन बहुत खुश हुए थे, ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा था कि इस काम के एवज में अब उन्हें कुछ पैसे मिल जाएंगे और वो अपनी नैतिक जिम्मेदारी का पालन कर पाएंगे। बेटियों की शादी हो सकेगी और कुछ कर्ज भी उतर जाएगा।

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पहली बार दी एक साथ 4 को फांसी, मिलेगी मोटी रकम 

पवन ने कहा था कि ऐसा पहली बार होगा जब वो एक साथ 4 लोगों को फांसी देंगे और उनको इसके एवज में एक लाख रूपये की मोटी रकम मिलेगी। इतने पैसे भी वो पहली बार देखेंगे। रकम मिलने पर वो इसका क्या करेंगे? के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि मेहनताने से हासिल होने वाली इस रकम से वो अपनी बेटी की शादी करेंगे। 57 साल के पवन जल्लाद ने कहा था कि उन्होंने अब तक के जीवन में न तो एक साथ इतने लोगों को फांसी दी न ही एक साथ फांसी के बदले उनको इतनी बड़ी रकम ही मिली है।

पुश्तैनी जल्लाद भी है पवन 

पवन का परिवार पुश्तैनी जल्लाद है। उनके परदादा लक्ष्मन जल्लाद थे, दादा कालू राम उर्फ कल्लू और पिता मम्मू भी पुश्तैनी जल्लाद थे। उनके दादा ने रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह, केहर सिंह को इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था, मगर उस समय बहुत अधिक पैसे नहीं मिला करते थे। उन दिनों जल्लादों को आने-जाने का खर्चा और जेल में एक दो रात अच्छे से रहने के इंतजाम से मिलने से ही पुरखे सब्र कर लेते थे।

परिवार में 7 सदस्य 

पवन जल्लाद के परिवार में कुल 7 सदस्य हैं। इनमें 5 बेटियां और 2 बेटे हैं। इनमें तीन बेटियों की शादी कर चुके हैं मगर बाकी का खर्च वो ही उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कमाई का और कोई जरिया नहीं है, यदि एक साथ इन चारों को फांसी दे पाएंगे तो ठीकठाक पैसे मिल जाएंगे, उससे कई सारे काम निपट जाएंगे। पवन ने बताया कि फांसी देने पर जो पैसे मिलेंगे वो इनसे बेटी की शादी करेगा। कुछ और जरूरत हुई तो बाकी पैसे उधार लेने पड़ेंगे।

हादसे में मर चुकी है पत्नी 

पवन जल्लाद ने बताया कि मेरठ में ही उनका मकान था, वो मकान कच्चा था। कई साल पहले भूमिया पुल (मेरठ) इलाके में पुश्तैनी मकान था, वो बारिश में ढह गया, उस दिन पत्नी मकान के मलबे में दब गई। काफी कोशिशों के बाद उसे ढहे मकान के मलबे से निकाला गया, तभी से वो अब मेरठ जिला प्रशासन से कांशीराम आवास योजना के तहत मिले एक छोटे से मकान में जिंदगी काट रहे हैं।

कड़ी सुरक्षा के बीच मेरठ वापस भेजा गया 

जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से पवन जल्लाद को चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 60,000 रुपये का भुगतान किया गया। पवन जल्लाद को हर एक दोषी को फांसी देने के लिए 15,000 रुपये दिए गए। इन चारों को फांसी पर लटका दिए जाने के बाद पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ वापस भेज दिया गया।  

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