Move to Jagran APP

स्कूल में परेशान होकर 9 वर्षीय छात्रा ने बनाई Anti Bullying App, जल्द गूगल प्ले स्टोर पर होगी उपलब्ध

शिलांग में रहने वाली एक नौ वर्षीय बच्ची ने स्कूल में धमकियों से परेशान होकर एक एप बनाई है। ये एप जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 02:24 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 02:24 PM (IST)
स्कूल में परेशान होकर 9 वर्षीय छात्रा ने बनाई Anti Bullying App, जल्द गूगल प्ले स्टोर पर होगी उपलब्ध
स्कूल में परेशान होकर 9 वर्षीय छात्रा ने बनाई Anti Bullying App, जल्द गूगल प्ले स्टोर पर होगी उपलब्ध

शिलांग, पीटीआइ। स्कूल में बार-बार धमकियों से परेशान होकर, शिलांग की रहने वाली नौ वर्षीय लड़की ने एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाया है। इस एप की मदद से ऐसी घटनाओं की जानकारी सीधे अधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी। नौ वर्षीय Meaidaibahun Majaw कक्षा चार की छात्रा हैं। 

loksabha election banner

स्कूल में नर्सरी से ही मिली धमकियों के बाद नौ वर्षीय छात्रा ने ये आरोप लगाया है। छात्रा ने कहा कि मुझे ये सब इतना प्रभावित करता था कि मुझे खुद इसके लिए कोई रास्ता निकालना पड़ा। मैं नहीं चाहती थी कि कोई और बच्चा इस तरह की घटनाओं का सामना ना करना पड़े। ये एप जल्द ही Google Play पर उपलब्ध होगा। साथ ही ये एप पीड़ितों को पहचान ना उजागर करने का ऑप्शन भी देगा। छात्रा ने आगे बताया कि उपयोगकर्ताओं  धमकी देने वालों के नाम सहित घटनाओं का विवरण प्रदान कर सकते हैं, और संबंधित व्यक्तियों को संदेश भेज सकते हैं। इससे अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने की अनुमति मिलती है।

उनके प्रयासों को राज्य के शिक्षा मंत्री लक्ष्मण रिंबुई ने सराहा है, जिन्होंने कहा है कि लड़की बड़ी होकर एक जिम्मेदार नागरिक बनेगी। उन्होनें कहा कि मैं चाहता हूं कि मेई सामाजिक प्रयासों से लड़ने के लिए अपने प्रयास में सर्वश्रेष्ठ हो। वह एक जिम्मेदार नागरिक होगी। मैं उसके माता-पिता को उसे मार्गदर्शन देने के लिए भी बधाई देता हूं। 

द टीचर फाउंडेशन द्वारा एसोसिएशन विप्रो अप्लाइंग थॉट्स इन स्कूल्स (वाटिस) में आयोजित 2017 सर्वेक्षण में पाया कि भारत में 42 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में तंग किया जाता है। अपने अनुभवों को याद करते हुए, नौ वर्षीय ने कहा कि छात्रों के एक समूह ने एक बार उसके खिलाफ गैंग बना लिया था और अन्य सहपाठियों को उसका बहिष्कार करने के लिए कहा था। उनमें से एक ने मेरे पैरों पर मुहर लगा दी थी। साथ ही कहा कि उसके कुछ दोस्तों ने भी इस तरह की घटनाओं का सामना किया था। उसकी मां दासुमलिन माजॉ ने कहा कि लड़की ने पिछले साल सितंबर में एक ऐप-डेवलपमेंट कोर्स में दाखिला लिया था और कुछ महीनों के भीतर कौशल सीख लिया। वह हर दिन एक घंटे के लिए कक्षाएं लेती थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.