सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ करेगी सबरीमाला मामले की सुनवाई
सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश तथा मुस्लिम व पारसी महिलाओं के साथ भेदभाव के मामलों पर सुनवाई 13 जनवरी से सुनवाई शुरू होगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं व लड़कियों के प्रवेश तथा मुस्लिम व पारसी महिलाओं के साथ कथित भेदभाव जैसे अन्य मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ 13 जनवरी से सुनवाई शुरू करेगी। हालांकि, पीठ सदस्यों के नामों की घोषणा अभी नहीं की गई है।
केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के मामले में सुप्रीम कोर्ट की 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ करेगी विचार। 13 जनवरी से होगी सुनवाई। यह पीठ साथ ही मुस्लिम और पारसी महिलाओं से धर्म के आधार पर भेदभाव के नियमो पर भी विचार करेगी। @JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) January 6, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन यंग लायर एसोसिएशन की याचिका पर मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए सोमवार को नोटिस जारी किया है। याचिका में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश दिए जाने संबंधी वर्ष 2018 के ऐतिहासिक फैसले पर विचार करने का आग्रह किया गया है। नोटिस के अनुसार, 'संबंधित मामले नौ सदस्यी संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। इन पर 13 जनवरी 2020 से सुनवाई शुरू होगी।' पिछले साल 14 नवंबर को पांच सदस्यीय संविधानपीठ ने वर्ष 2018 में 3:2 के बहुमत से सुनाए गए सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश संबंधी फैसले को सात सदस्यीय पीठ के समक्ष भेज दिया था।
सतत और व्यापक न्याय के लिए तैयार होगी नीति
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी पर छिड़ी बहस सिर्फ सबरीमाला मंदिर तक ही सीमित नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि ऐसे प्रतिबंध दूसरे धर्मों में भी हैं। मसलन, मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद या दरगाह में प्रवेश नहीं दिया जाता और पारसी महिलाओं को गैरपारसी के साथ शादी के बाद पवित्र स्थल अज्ञारी में नहीं घुसने दिया जाता। पीठ ने कहा था कि यह सही मौका है कि सतत और व्यापक न्याय के लिए एक नीति तैयार की जाए।