मुजफ्फरनगर और किश्तवाड़ की तह तक नहीं पहुंची एनआइसी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) की बैठक की सार्थकता पर सवाल उठा दिया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने मुजफ्फरनगर और किश्तवाड़ का हवाला देते हुए कहा कि परिषद की दिन भर चली बैठक में इसका सही विश्लेषण नहीं हो सका। बजाय इसके उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री अपनी पीठ ही थप
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) की बैठक की सार्थकता पर सवाल उठा दिया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने मुजफ्फरनगर और किश्तवाड़ का हवाला देते हुए कहा कि परिषद की दिन भर चली बैठक में इसका सही विश्लेषण नहीं हो सका। बजाय इसके उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री अपनी पीठ ही थपथपाते रहे।
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दो दिन पहले हुई राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में आतंकवाद, नक्सलवाद, राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रहे संगठन जैसा विषय एजेंडा में नहीं था। बहरहाल, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के साथ-साथ मुजफ्फरनगर की घटना एजेंडा का मुख्य बिंदु था। जेटली ने एक लेख में कहा कि इसके बावजूद मुजफ्फरनगर और किश्तवाड़ पर सार्थक चर्चा ही नहीं हुई। किश्तवाड़ में एकतरफा हिंसा हुई, लेकिन उसका विश्लेषण ही नहीं किया गया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री को इसकी परवाह नहीं थी कि क्षेत्र की एक बड़ी आबादी उनमें विश्वास खो चुकी है। किश्तवाड़ में राज्य सरकार के एक मंत्री की मौजूदगी के बावजूद हिंसा भड़की। उसी तरह मुजफ्फरनगर में जिस तरह हिंसा भड़की उसका भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास कोई सटीक जवाब नहीं था। तनावपूर्ण माहौल में अगर दो समुदायों को इकट्ठा होने की अनुमति दी जाएगी तो तय है कि आग भड़केगी। जेटली ने कहा कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने पल्ला झाड़कर दोष दूसरों पर मढ़ना ज्यादा मुफीद समझा।
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