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केरल लव जिहाद मामला: SC ने हदिया को कोर्ट में पेश करने का दिया आदेश

केरल हाई कोर्ट द्वारा अखिला उर्फ हादिया के विवाद को रद्द करने के बाद यह मामला सामने आया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 10:40 AM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 06:24 PM (IST)
केरल लव जिहाद मामला: SC ने हदिया को कोर्ट में पेश करने का दिया आदेश
केरल लव जिहाद मामला: SC ने हदिया को कोर्ट में पेश करने का दिया आदेश

नई दिल्ली(जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल की महिला के पिता केएम अशोकन को अपनी पुत्री को शीर्ष अदालत में 27 नवंबर को पेश करने का निर्देश दिया। इस युवती ने इस्लाम धर्म कुबूल करने के बाद एक मुस्लिम युवक से शादी कर ली थी।

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इस मामले पर हादिया के पिता एम. अशोकन ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। मैं हादिया को कोर्ट के सामने 27 नवंबर को पेश करूंगा।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने युवती के पिता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान से कहा कि 27 नवंबर को पीठ के साथ बातचीत के लिए इस महिला की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

पीठ इस महिला से बातचीत करके उसकी मन:स्थिति जानने के साथ ही यह पता लगाने का प्रयास भी करेगी कि क्या उसने स्वेच्छा से विवाह की सहमति दी थी। महिला के पिता की ओर से श्याम दीवान ने दावा किया कि उसकी पुत्री का कथित पति शफीन जहां एक कट्टर व्यक्ति है और राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे अनेक संगठन समाज को कट्टर बनाने में संलिप्त हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल मनिंदर सिंह ने भी पीठ से कहा कि राज्य में बहुत ही सुव्यवस्थित मशीनरी सक्रिय है जो समाज में कट्टरता भरने की गतिविधयों में लिप्त है। राज्य में अब तक इस तरह के 89 मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन, महिला के पति शफीन जहां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एनआइए और महिला के पिता की दलीलों का विरोध किया।

बता दें कि यह महिला हिंदू है और उसने इस्लाम धर्म कुबूल करने के बाद शफीन जहां से शादी कर ली थी। आरोप है कि महिला को सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आइएस) मिशन ने भर्ती किया है और शफीन जहां उसका एक मोहरा है।

शफीन जहां ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इस विवाह को अमान्य घोषित करते हुए कहा था कि यह देश में महिलाओं की आजादी का अपमान है। इसके अलावा शफीन जहां ने 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर कर 16 अगस्त का आदेश वापस लेने का अनुरोध भी किया था।

इस आदेश में अदालत ने एनआइए को हिंदू युवती के साथ शफीन के विवादास्पद विवाह मामले की जांच का निर्देश दिया था। हालांकि, केरल सरकार ने सात अक्टूबर को शीर्ष अदालत को सूचित किया कि पुलिस ने इस महिला के धर्मपरिवर्तन और बाद में शफीन जहां से शादी के मामले की 'गहराई से जांच की' परंतु उसे यह जांच एनआइए को सौंपने लायक कोई सामग्री नहीं मिली।

यह भी पढ़ें: एक मां की सुप्रीम कोर्ट से गुहार- लव जिहाद मामलों की एनआइए करे जांच


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