गिलानी से पूछताछ की तैयारी में एनआइए
एनआइए की जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि गिलानी के दामाद अल्ताफ फंतोश के अलावा उनके करीबी जावेद अहमद बाबा, प्रवक्ता एयाज अकबर व राजा कलवाल के घरों की तलाशी में कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो अलगाववादी नेता के खिलाफ जाते हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर । कश्मीर में पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग मामले की जांच में जुटी एनआइए अगले कुछ दिनों में कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी से पूछताछ कर सकती है। पूछताछ से पहले एनआइए गिलानी के खिलाफ पुख्ता सुबूत जमा कर रही है।
एनआइए की जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि गिलानी के दामाद अल्ताफ फंतोश के अलावा उनके करीबी जावेद अहमद बाबा, प्रवक्ता एयाज अकबर व राजा कलवाल के घरों की तलाशी में कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो अलगाववादी नेता के खिलाफ जाते हैं। इन लोगों ने पूछताछ में बताया कि 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान' का नारा देने वाले गिलानी के विशेष आग्रह पर ही कुछ खास लोगों के साथ पैसे का लेन-देन किया गया है। इन अलगाववादियों से जब्त किए गए पेन ड्राइव, लैपटॉप और स्मार्टफोन की भी जांच जारी है। उन्होंने बताया कि गिलानी से पूछताछ में पूछे जाने वाले सवालों को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा उनके खिलाफ पहले से दर्ज मामलों पर अब तक हुई कार्रवाई को भी देखा जा रहा है।
गिलानी से पूछताछ के दौरान उन लोगों को भी सामने बैठाया जाएगा, जिन्होंने अपने गोरखधंधे में गिलानी का नाम लेते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पूछताछ के दौरान एक न्यायिक अधिकारी को भी मौजूद रखने और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि बाद में वह किसी भी मुद्दे पर न मुकरें और न उनका अनावश्यक राजनीतिककरण करें।
गौरतलब है कि अलगाववादी नईम अहमद खान ने एक स्टिंग में खुलासा किया था कि वादी में आतंकी ¨हसा और अफरा-तफरी फैलाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और लश्कर सरगना हाफिज सईद कश्मीरी अलगाववादियों को हवाला के जरिए पैसा भेजते हैं। इस गोरखधंधे में कई व्यापारी भी शामिल हैं। नईम खान के स्टिंग के आधार पर एनआइए ने श्रीनगर व जम्मू के अलावा कई राज्यों में अलगाववादियों व व्यापारियों के घरों में छापे मार करोड़ों रुपये की संपत्ति के अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
दूसरी ओर ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने मंगलवार को एनआइए के छापों की निंदा करते हुए कहा कि आम कश्मीरी इन छापों का मकसद समझता है।