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NIA जांच में पाक बेनकाब, कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों के पीछे लश्कर का हाथ

एनआइए के आरोपपत्र के अनुसार आतंकियों की ट्रेनिंग और हथियार के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना उन्हें भारत में घुसपैठ भी कराती है

By Mohit TanwarEdited By: Published: Fri, 06 Jan 2017 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jan 2017 09:23 PM (IST)
NIA जांच में पाक बेनकाब, कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों के पीछे लश्कर का हाथ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आतंकी बुरहानी वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में फैली हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। लश्करे तैयबा के आतंकी बहादुर अली के खिलाफ जांच के दौरान इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। खुद बहादुर अली ने पाक की नापाक हरकतों को सुरक्षा एजेंसी के सामने बेनकाब कर दिया है। जुलाई में गिरफ्तार किये गए बहादुर अली के खिलाफ एनआइए दिल्ली पटियाला हाऊस स्थित विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। आरोपपत्र में कश्मीर घाटी में हिंसा के पीछे पाकिस्तान सरकार के साथ-साथ पाक सेना के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किये गए हैं।

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एनआइए के आरोपपत्र के अनुसार बहादुर अली ने बताया कि बुरहानी वानी के मारे जाने के बाद सीमा पार से आतंकी आकाओं ने घाटी में मौजूद अपने आतंकियों को विरोध प्रदर्शनों को हिंसक झड़पों में बदलने का निर्देश दिया गया था। बहादुर अली के अनुसार उसे भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले के लिए भेजा गया था। लेकिन बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद लश्करे तैयबा की रणनीति बदल गई और उसे विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय युवाओं के बीच घुसकर सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकने का निर्देश दिया गया था। उसके पाक आका का कहना था कि अन्य आतंकी भीड़ में घुसपैठ कर हिंसा भड़काने में सफल हो रहे हैं।

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एनआइए के आरोपपत्र में बताया गया है कि आतंकी बहादुर अली के साथ-साथ उसकी निशानदेही मारे गए चार आतंकियों के पास से जो दस्तावेज और अत्याधुनिक उपकरण मिले हैं, उससे साफ है कि इन आतंकियों को पाक सेना ने प्रशिक्षित किया है। एके-47 और ग्रेनेड के अलावा आतंकियों के पास अत्याधुनिक जीपीएस सिस्टम, रात में दिखाने वाली दूरबीन, रबड़ से बने कागज पर बनाए गए नक्शे और रेडियो वायरलेस सेट बरामद हुए हैं। जिन्हें पाक सेना इस्तेमाल करती है। भारत अब इन सबूतों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करेगा, ताकि आतंकियों को पालने के आरोप में पाकिस्तान को अलग-थलग किया जा सके।

एनआइए के आरोपपत्र के अनुसार आतंकियों की ट्रेनिंग और हथियार के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना उन्हें भारत में घुसपैठ भी कराती है। बहादुर अली ने बताया कि उसे दो अन्य आतंकियों के साथ कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए सीमा के पास लाया गया। बहादुर अली ने जब भारतीय सेना की ओर गोलीबारी की चिंता जताई तो उसे पाक सेना के कवर के बारे में बताया गया। यानी भारतीय सेना द्वारा देखे जाने और गोलीबारी की स्थिति में पाक सेना जवाबी गोलाबारी कर आतंकियों के बच निकलने में मदद करती।

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एनआइए की आरोपपत्र के अनुसार बहादुर अली के पास से मिली डायरी में जम्मू-कश्मीर के कई शहरों के साथ-साथ दिल्ली का जिक्र था। इससे उसके आतंकी हमले में इस्तेमाल का अंदाजा लगाया जा सकता है। भारत में भी घुसने के बाद भी उसे सीमा पार से लगातार निर्देश मिलते थे। उसे बताया जाता था कि आगे क्या-क्या करना है।


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