NIA के DG का खुलासा, जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश ने भारत में अपनी गतिविधियां बढ़ाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश ने भारत में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh, JMB) भारत में तेजी से पांव पसार रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि भारत में इस आतंकी संगठन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। एनआईए के डीजी वाईसी मोदी (Yogesh Chander Modi) ने कहा कि जेएमबी बांग्लादेशियों की आड़ में असम, झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक में सक्रिय है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि आतंकियों की मदद करना पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी है।
National Investigation Agency(NIA) DG Yogesh Chander Modi: We noticed that Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh (JMB) increased their activities in Bihar, Maharashtra, Kerala and Karnataka. Names of 125 suspects have been shared with related agencies pic.twitter.com/Mw54RyHYWW
— ANI (@ANI) October 14, 2019
उन्होंने बताया कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh, JMB) के 125 संदिग्धों की सूची राज्यों को सौंपी गई है। एनआईए ने बीते दस वर्षों में आईएसआईएस, जेहादी कार्रवाई, टेरर फंडिंग समेत कई क्षेत्रों में जितने मामलों की जांच की है उसमें 90 फीसद दोषी करार दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नए एनआईए ऐक्ट से मौजूदा वक्त में काफी लाभ मिल रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मौजूदगी में विज्ञान भवन में आयोजित देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के एक सम्मेलन में एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने भी आतंकी गतिविधियों को लेकर बड़े खुलासे किए। उन्होंने बताया कि टेरर फंडिग के मुख्य मामले में जम्मू-कश्मीर के संगठनों के प्रमुख और शीर्ष अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। आरोपियों में से किसी को भी बेल नहीं मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी जांच में पाया है कि इन सभी आरोपियों की फंडिंग के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तानी उच्चायोग हवाला के जरिए उक्त आरोपियों की फंडिंग करता था।
आलोक मित्तल ने कहा कि आइएस से जुड़े मामलों अब तक 127 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें 33 तमिलनाडु, 19 उत्तर प्रदेश, 17 केरल और 14 तेलंगाना से हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पंजाब में आतंकी गतिविधियों को दोबारा जीवित करने के लिए सीमा पार से लगातार कोशिशें की जा रही हैं। आठ मामलों में टारगेटेड किलिंग के आरोप में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन मामलों में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का हाथ पाया गया है। इन सुपारी किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने के लिए यूके, इटली, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से पैसे भेजे गए थे।
इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor, NSA) अजित डोभाल (Ajit Doval) ने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ NIA ने जबरदस्त काम किया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एनआइए की कार्रवाई बाकी एजेंसियों से प्रभावी रही है। यदि कोई देश आतंकियों की मदद करता है तो यह बड़ी चुनौती है। कुछ देशों को इस काम में मास्टरी हासिल है। पाकिस्तान की तो यह स्टेट पॉलिसी है।
एनएसए डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान पर आज जो दबाव बना है वह एफएटीएफ (Financial Action Task Force, FATF) की कार्रवाइयों की वजह से बना है। एफएटीएफ ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान के खिलाफ जितना दबाव बनाया है, वह किसी दूसरी कार्रवाई से नहीं बन पाता... आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा एजेंसी एनआइए के सभी जवान एक सैनिक की तरह हैं।