हथियार प्रशिक्षण लेने में 18 सिमी कार्यकर्ता दोषी करार, 17 बरी
एनआइए की विशेष अदालत मंगलवार को दोषियों की सजा का एलान करेगा।
कोच्चि, प्रेट्र। एनआइए की विशेष अदालत ने हथियार चलाने के प्रशिक्षण मामले में सोमवार को सिमी के 18 कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया जबकि 17 को बरी कर दिया। अदालत ने दोषी ठहराए गए सिमी कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी गतिविधियों, विस्फोटक रखने और अन्य मामलों में लिप्त पाया। कोर्ट मंगलवार को दोषियों की सजा का एलान करेगा।
-केरल में 2007 में लगा था शिविर
केरल के कोच्चि जिले के वागामोन में दिसंबर 2007 में हथियार चलाने का प्रशिक्षण शिविर पकड़ा गया था। इस शिविर को चलाने का आरोप स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) नाम के प्रतिबंधित संगठन पर लगा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कई प्रदेशों में छापेमारी करके 35 लोगों को गिरफ्तार किया। सोमवार को विशेष न्यायाधीश कौसर एडप्पागाथ की अदालत के समक्ष दो आरोपी पेश हुए जबकि बाकी अहमदाबाद, भोपाल और बेंगलुरु की जेलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में शामिल हुए। एनआइए ने सभी आरोपियों पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप भी लगाया था।
एनआइए ने बताया था कि केरल के थंगालपाड़ा, वागामोन (कोट्टयम) में दिसंबर 2007 में हथियार चलाने का प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। 10 से 12 दिसंबर, 2007 के बीच इस तरह के शिविर कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी लगाए गए। इससे पहले शिविरों की तैयारियों के सिलसिले में नवंबर 2007 में सिमी पदाधिकारियों की बैठक हुई थी।
इन शिविरों में सिमी कार्यकर्ताओं को शारीरिक प्रशिक्षण के अलावा हथियार चलाने, बम और पेट्रोल बम बनाने व उन्हें इस्तेमाल, तेज गति से मोटरसाइकिल चलाने और ऊंचाई पर चढ़ने के प्रशिक्षण दिए गए। यह जिहादी तैयार करने का शुरुआती कार्यक्रम था जिससे भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ा जा सके।