पठानकोट के साथ तंगधार, कठुआ और सांबा हमलों के लिए जैश है जिम्मेदार : NIA
पठानकोट एयरबेस पर हमले के लिए न केवल जैश जिम्मेदार था, बल्कि कठुआ, सांबा और तंगधार में धमाकों में उस नापाक संगठन की भूमिका थी।
नई दिल्ली(जेएनएन)। एनआइए द्वारा दाखिल चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद न केवल पठानकोट एयरबेस पर हमले में शामिल था, बल्कि जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में धमाकों में भी शामिल था। पठानकोट हमले का मुख्य साजिशकर्ता कासिफ जान ने अपने फेसबुक संदेश में दावा किया था कि पिछले साल 20-21 मार्च को कठुआ और सांबा में धमाके की साजिश रची थी। इन दोनों जगहों पर हमले के दौरान वो फोन के जरिए आतंकियों के संपर्क में था।
पाक को दी जाएगी पूरी जानकारी
एनआइए के अधिकारियों के मुताबिक पठानकोट हमले के संबंध में पाकिस्तान को पूरी जानकारी दी जाएगी। पठानकोट हमले में दायर चार्जशीट जैश सरगना मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ के साथ-साथ शाहिद लतीफ और कासिफ के अलावा दूसरे आतंकियों के नाम शामिल हैं। एनआइए के निदेशक शरद कुमार के मुताबिक इस हमले के संबंध में चाहे वो तकनीकी , मौखिक, डिजिटल या डीएनए सैंपल्स हों उसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इतने पुख्ता साक्ष्य हैं कि वो किसी भी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सामने भी रखे जा सकते हैं।
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-पिछले साल जम्मू-कश्मीर के तंगधार, सांबा, कठुआ और राजबाग इलाके में धमाकों के लिए जैश-ए-मोहम्मद पूरी तरह जिम्मेदार था।
-एनआइए के पास इन धमाकों के दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ-साथ डिजिटल सबूत भी हैं।
-एनआइए अधिकारियों का कहना है कि मसूद अजहर की भूमिका के बारे में पाकिस्तान को जानकारी दी जाएगी।
'कठुआ, सांबा हमलों के लिए जिम्मेदार है जैश'
कठुआ में आतंकी हमले को पाकिस्तान की तरफ से पूरी तरह से समर्थन हासिल था। कठुआ में तीन लोगों की मौत हुई थी। आरोपपत्र में इस बात का जिक्र है कि पठानकोट हमले के दौरान आतंकियों ने दो पेपर छोड़े थे जिसमें उर्दू और हिंदी में जैश-ए-मोहम्मद जिंदाबाद, तंगधार से लेकर कठुआ, सांबा और दिल्ली तक, अफजल गुरु शहीद के जां निसार तुमको मिलते रहेंगे इंशा अल्लाह लिखा था।
'अफजल की मौत का था प्रतिशोध'
अधिकारियों का कहना है कि इन साक्ष्यों के अलावा दूसरे साक्ष्यों से पता चलता है कि आतंकियों का खास दिशानिर्देश मिल रहे थे । इसके अलावा पाकिस्तान में वो अपने आकाओं के लगातार संपर्क में थे। सांबा, कठुआ, तंगधार और राजबाग में धमाकों के जरिए वो अफजल गुरु की मौत का बदला लेना चाहते थे। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में जैश के आतंकी पूरी तरह सक्रिय हैं। इसके अलावा घाटी में लश्कर के आतंकी भी पूरी तरह सक्रिय हैं। उड़ी हमलों को लश्कर के आतंकियों ने अंजाम दिया था।
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