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NIA ने इस्लामिक स्टेट खुरासान से जुड़े मामले में पुणे के 2 लोगों को गिरफ्तार किया

सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है और आगे की जांच जारी है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 10:06 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 10:06 AM (IST)
NIA ने इस्लामिक स्टेट खुरासान से जुड़े मामले में पुणे के 2 लोगों को गिरफ्तार किया
NIA ने इस्लामिक स्टेट खुरासान से जुड़े मामले में पुणे के 2 लोगों को गिरफ्तार किया

नई दिल्ली, एएनआइ। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) की गतिविधियों से जुड़े एक मामले में पुणे से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान पुणे के कोंढवा के रहने वाले नबील सिद्दीकी खत्री और पुणे के यरवदा निवासी सदिया अनवर शेख के रूप में हुई। उन्हें एनआईए की टीम ने स्थानीय एटीएस और पुणे शहर पुलिस की मदद से उनके साथ दर्ज पहले के एक मामले में गिरफ्तार किया

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शेख (20) को पहले एटीएस टीम ने 2015 में आईएसआईएस लिंक के संबंध में गिरफ्तार किया था और बाद में काउंसलिंग के बाद रिहा कर दिया गया था। 2015 में उसे हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था, जबकि कथित तौर पर ISIS में शामिल होने के लिए वह सीरिया जाने का प्रयास कर रही थी। सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है और आगे की जांच जारी है।

अभी पिछले महीनों अफगानिस्तान के काबुल में एक गुरुद्वारे में आंतकी हमला हुआ था। इस मास्टरमाइंड मालावी अब्दुल्ला अका असलम फारूकी अफगानिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया था। वह इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रांत (ISKP) का अमीर (प्रमुख) थी। मार्च में हुए इस हमले में एक भारतीय नागरिक समेत 27 लोग मारे गए थे।

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (NDS) के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार फारूकी को 19 अन्य लोगों के साथ घेरकर गिरफ्तार किया गया था। फारूकी ने शुरुआती पूछताछ में पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी से अपने रिश्ते की बात कुबूल की थी। इससे साफ थ फारूकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की ओर इशारा कर रहा है। आने वाले दिनों में उससे कुछ और महत्वपूर्ण सूचनाएं मिलने की उम्मीद लगाई गई थी।

एएनआइ के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक फारूकी इससे पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था। इसके बाद वह तहरीक-ए-तालिबान से जुड़ा। इसके बाद वह आतंकी संगठन आइएस से जुड़ा और अप्रैल 2019 में उसे मालावी जिया उल हक अका अबू उमर खोरसानी के स्थान पर आइएसकेपी का प्रमुख नियुक्त किया गया। फारूकी मामजई आदिवासी समुदाय का है और पाकिस्तान में अफगानिस्तान सीमा के नजदीक उसका गांव है। 25 मार्च को हुए आतंकी हमले में चार आतंकियों ने गुरुद्वारे में घुसकर गोलियां चलाई थीं और ग्रेनेड फेंके थे। हमलावरों में एक आत्मघाती भी था जिसने श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। इस हमले की भारत और अमेरिका ने निंदा की थी।


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