ISIS माड्यूल का भंडाफोड़, जानें- मास्टरमाइंड मुफ्ती सुहैल की पूरी कहानी
एनआइए द्वारा पकड़ा गया मास्टर माइंड सुहैल भी अमरोहा की एक मस्जिद में मौलवी है। यहीं से शाकिब सुहैल के संपर्क में आया था।
गौरव भारद्वाज, हापुड़। एनआइए की टीम ने कई स्थानों पर धमाके करने की साजिश रच रहे दस संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सिंभावली के गांव वैट का निवासी शाकिब अली भी शामिल है। शाकिब ने अमरोहा में रहकर मुफ्ती की शिक्षा ग्रहण की थी। एनआइए द्वारा पकड़ा गया मास्टर माइंड सुहैल भी अमरोहा की एक मस्जिद में मौलवी है। यहीं से शाकिब सुहैल के संपर्क में आया था।
खुफिया एजेंसियों को सिंभावली के गांव बक्सर की जामा मस्जिद के इमाम शाकिब पर आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़े होने का संदेह है। अब एनआइए की टीम शाकिब की पूरी पृष्ठभूमि पता करने में जुटी है। परिजन के अनुसार, सुहैल के संपर्क में आने के बाद शाकिब ने उसकी मदद करना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि शाकिब पिछले काफी समय से सुहैल से फोन और विभिन्न माध्यम से वार्ता करता रहता था। इसके आधार पर एनआइए की टीम सुहेल और शाकिब समेत अन्य लोगों तक पहुंची है।
मस्जिद में जाने तक की वीडियो बनाई
शाकिब को पकड़े जाने के बाद जांच एनआइए टीम उसे बक्सर गांव की जामा मस्जिद लेकर पहुंची। इस दौरान टीम के सदस्यों ने धार्मिक स्थल में घुसने से पहले अपने जूते बाहर उतार दिए। उन्होंने जूते उतारने से शाकिब के कमरे तक जाने और वापस आने की वीडियोग्राफी भी कराई।
हापुड़ जिले में पकड़े जा चुके हैं लश्कर के आतंकी
-आंतक की दुनिया का खुंखार चेहरा अब्दुल करीम पिलखुवा का है निवासी
आतंकवादियों के जिले से तार जुड़े होने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 22 मार्च 2002 को कोतवाली और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने मुठभेड़ के बाद लश्क-ए-ताइबा के चार आतंकवादियों को पकड़ा था। इसके अलावा आतंक की दुनिया का खुंखार चेहरा बना अब्दुल करीम उर्फ टुंडा भी पिलखुवा के मोहल्ला लुहारन का रहने वाला है।
वर्ष 22 मार्च 2002 को एसटीएफ के तत्कालीन निरीक्षक दुष्यंत कुमार बालियान ने कोतवाली पुलिस की टीम के साथ मिलकर फ्रीगंज तिराहे से मुठभेड़ के बाद लश्क-ए-ताइबा के चार आतंकवादी कल्लन, शमीम, रईस और साजिद को गिरफ्तार किया था। प्रदेश में पोटा के तहत पहला मुकदमा हापुड़ कोतवाली में दर्ज हुआ था।
वहां खुंखार आतंकवादी अब्दुल करीम उर्फ टूंटा पिलखुवा का निवासी है। कई साल गायब रहने के बाद पिछले पिछले दिनों उसे गिरफ्तार किया था। इस समय वह जेल में हैं। सीरियल बम ब्लास्ट की घटनाओं को काफी समय से खुफिया एजेंसियों को उसकी तलाश की। अब्दुल करीब लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, आईएसआई, इंडियन मुजाहिदीन, हूजी बब्बर खालसा आदि आतंकी संगठनों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दिसंबर 1993 को राजधानी एक्सप्रेस, दिल्ली हावड़ा एक्सप्रेस, फ्लाई क्वीन, एक्सप्रेस, सूरत-मुंबई एक्सप्रेस, दिल्ली जाने वाले एपी एक्सप्रेस आदि दर्जन भर रेलगाडि़यों में वम विस्फोट किए। इस हादसे में दो लोगों की मौत और 22 लाग घायल हुए थे। इसके अलावा कश्मीरी युवकों के चक्कर में आवास विकास कालोनी में करीब एक दशक पहले एसटीएफ ने छापा मारा था लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
नकली नोट के साथ भी पकड़े गए हापुड़ के युवक
25 जून 2007 को दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से हापुड़ निवासी नई और वसीम को गिरफ्तार कर 33 लाख रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा था। यह नोट पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते दिल्ली लाए जा रहे थे। करीब आठ साल पहले 11 अगस्त को बिहार के रक्सौल बार्डर पर डीआरआई की टीम ने हापुड़ के जमील उर्फ भूरा उर्फ वसीम को 29.61 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। लाइन पार क्षेत्र से भी एक सेवानिवृत्त फौजी के घर से नकली नोट पकड़े गए थे। इसके अलावा भी नकली नोटों के पकड़े जाने के मामले कई बार जनपद में आए थे।